Asli shahad ki pehchan

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Asli shahad ki pehchan










Asli shahad

यूँ तो शहद बहुत सी बिमारियों में काम आता है। यह तो हम सब जानते ही हैं। खासकर की जो कफ वाली बीमारियां होती है या फिर खांसी सर्दी जुखाम हो जाता है तो हमारी दादी नानी हमे अक्सर अदरक शहद ही चटाती थी। और शायद आज भी माएं अपने बच्चो को शहद ही चटाती हैं। 

लेकिन आजकल बाजारों में बहुत तरीके नकली शहद मिल रहा है जो के फायदा करने की बजाय नुकसान कर रहा है। आइये देखतें है  Asli shahad ki pahchan kaise karen


Asli shahad ki pahchan:-

👉 रूई की बत्ती लेकर डूबा कर के जलाएं, अगर बत्ती बिना आवाज के जले तो शहद को असली समझना चाहिए अगर उसमे चट पट की आवाज आये तो फिर नकली समझना चाहिए। 

👉 कुत्ते के सामने शहद को डाल दीजिये अगर वो उसे केवल सूंघ को छोड़ दे तो असली शहद समझना चाहिए और अगर उसे चाट ले तो मिलावटी शहद। 

👉 एक छोटे बर्तन में शहद को डाल लें।  फिर उसमे एक बताशा डाल दो और थोड़ी थोड़ी देर में उसको हिलाओ।  अगर बताशा उसमे घुल गया तो शहद नकली या मिलावटी समझना चाहिए और अगर वैसे का वैसे रहे तो असली। 

👉 अगर असली शहद कपडे पे गिर जाता है तो उसका निशान नहीं पड़ता अगर कपडे निशान पद जाता है तो उसे मिलावटी समझाना चाहिए। 

👉 एक गिलास पानी लें फिर उसमे शहद की एक बूँद टपका दो उसमे, अगर शहद उस पानी में फ़ैल जाये तो मिलावटी समझना चाहिए, और अगर बूँद सीधे निचे जाकर बैठ जाएगी और जब तक उसको हिलाये या डुलाएँ नहीं वो हिलेगी नहीं उसे असली समझना चाहिए। 

👉 असली शहद सुगंधित होता है नकली वाले में सुगंध नहीं आती शहद की। 


Kya asli shahad jamta hai:-

असली शहद सर्दियों में जमता है।  तो ऐसा बिलकुल नहीं मान ना चाहिए  की जो शहद सर्दियों में जमता हो वो असली नहीं होता, वो सर्दियों में जमता भी है और गर्मी आने पे पिंघल भी जाता है। 

लेकिन इसका ये मतलब भी नहीं है की मिलावटी शहद जमता नहीं है वो भी जैम जाता है क्युकी उसके कुछ मात्रा ही तो मिलावटी है बाकि तो वो पूरा शहद ही है। तो हमे बाकि अन्य प्रयोगो से पता लगाना चाहिए की शहद असली है या नकली। 

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