Bachchon ki khansi | बच्चों की खांसी का देसी इलाज | घरेलू उपचार | बच्चों की खांसी की दवा

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Bachon ki khansi ka ilaj




Bachcho ki khansi 


बच्चो का पसली चलना

पांच तुलसी के पत्ते और एक लोंग लेके दूध में अच्छे से उबाल के छान के पिलाने से बच्चो का पसली चलना बंद हो जाता है। जिसे Pneumonia  भी कहते हैं। 

इस से बच्चों की पसली चलने में लाभ मिलता है। क्युकी यह एक गंभीर रोग भी है तो किसी डॉक्टर की परामर्श भी लेलें।  की इसे हम साथ साथ कर सकते हैं या नहीं। 

और इस रोग में हमे आयुर्वेदिक डॉक्टर के पास ही जाना चाहिए क्यों की एलॉपथी हाई दोसे की दवा या फिर स्टेरिओड्स देते हैं जिसके कारन वह कफ छाती में ही जम जाता है और जब भी हल्का फुल्का मौसम बदलेगा तो वह कफ पुनः आता रहेगा। 


बच्चों की खांसी का घरेलू उपचार

जिन 6 से 12 महीनो वाले बच्चो को मौसम बदलते ही सर्दी खांसी जुखाम हो जाता है छाती जाम हो जाती है घरड़ घरड़ की आवाज आती है, पसली चलना ( Pneumonia) शुरू हो जाता है तो आधे कप पानी में 10-12 दाने अजवाइन के डालकर खूब उबालें,आधा बच जाये तब इसको छान लें। 

इस काढ़े को शिशु को दिन में दो बार या केवल रात को हल्का गुनगुना पिलायें। 

इस से बदलते मौसम में होने वाली सर्दी खांसी जुखाम में बहुत आराम पहुंचेगा लिवर, हिचकी, उल्टियां होना,कहती धकार, पेट की गुड़गुड़ाहट, पथरी  इत्यादि रोग ठीक होते हैं।

यह योग बच्चे जवान हर कोई कर सकता है बस बड़ों के लिए मात्रा ज्यादा हो जाएगी। 

इसी नुस्खे से बड़ों का पसली चलना भी बंद होता है।

नोट: जिन्हे मूत्र कठिनाई से उतरता हो वे इस काढ़े का सेवन ना करें। 


बच्चों की खांसी का देसी इलाज

सूखी और तर खाँसी

फुलाई हुई फिटकरी 10 ग्राम और देशी खाड 100 ग्राम दोनों को बारीक पीस कर आपस में मिला ले और बराबर मात्रा में 5 ग्राम की पुड़िया बना के रख लें।

सूखी खाँसी में एक गिलास गर्म दूध के साथ एक पुड़िया नित्य सोते समय लें। 

गीली खांसी में एक गिलास गर्म पानी के साथ एक पुडिया नित्य सोते समय लें ।

फिटकरी का फुला (खील) बनाने की विधि फिटकरी को पीसकर लोहे की कड़ाही में या तवे पर रखकर आग पर चढ़ा दें। थोड़ी देर फूलकर पानी हो जायेगी।

जब सब फिटकरी पानी होकर नीचे की तरफ से खुश्क होने लगे तब उसी समय आंच तनिक कम करके किसी छुरी आदि से उलटा दे। 

अब फिर आंच तनिक तेज करें ताकि इस तरफ भी नीचे से खुश्क होने लगे। फिर इसे नीचे उतार लें।

फिर इस खुश्क फूली फिटकरी का चूर्ण बनाकर रख लें। इस तरह फिटकरी को फुलाकर (खोल करके) शुद्ध कर लिया जाता है। यह भुनी हुई फिटकरी का कई रोगों में सफलतापूर्वक बिना किसी हानि के व्यवहार होता है ।


विशेष-इससे पुरानी से पुरानी खाँसी दो सप्ताह के अन्दर दूर हो जाती हैं। 

जो ये कहते हैं कि हमारी खांसी महीने से नही जा रही उन्हें यह नुस्खा आजमाना चाहिए।

साधारण दमा भी दूर हो जाता है।

गर्मियों की खाँसी के लिए विशेष लाभप्रद है।

बिल्कुल हानिरहित सफल प्रयोग है।


बच्चों की बलगम वाली खांसी


बालचतुर्भद्र रस:- 

बालचतुर्भद्र चूर्ण में इन से बंनता है।

नागरमोथा 

छोटी पीपल

अतीस

काकड़ासिंगी

बालचतुर्भद्र सिरप 


छोटे बच्चों के सर्दी खांसी की दवा SYRUP में इन सभी घटक द्रव्यो के अतिरिक्त चीनी अतिरिक्त घटक के रूप में मौजूद होती है ।

इस औषधि का सेवन करने से बच्चों के रोग जैसे बुखार, दस्त, खांसी एवं बच्चों में होने वाली उल्टी इत्यादि में बहुत अच्छा लाभ मिलता है ।

इसके अलावा बच्चों के पेट में दर्द हो या पेट में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी जैसे खाना हजम ना होना या बच्चे का बार-बार दूध उलटना जैसी समस्याओं में भी लाभ मिलता है। यह बहतु अच्छी छोटे बच्चों की खांसी की दवा है। 

Note:- यह बाजार में बना बनाया भी मिलता है। 


बच्चों की खांसी की दवा

सितोपलादि चूर्ण 2 ग्राम और एक चमच्च शहद मिला के बालकों को चटाने से खांसी में लाभ मिलता है। एक साल से ऊपर तक के बच्चों के लिए काफी असरदार है।  किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर के पस से यह मिल जाती है। उन्ही की सलाह से लें। 



बच्चों को कफ निकालने के उपाय


आंवले और मुलेठी को बरबर मात्रा में पीस कर रख लें। इसकी एक चौथाई चमच्च से भी कम शहद मिला के पेस्ट बना के एक साल के बच्चों को चटाएं।  इस से उनके दांत भी सुगमता से निकलते हैं। 
थोड़ बड़ी उम्र के बच्चों के हिसाब से मात्रा बढ़ाई जा सकती है। 
यह बच्चे बूढ़े सभी प्रयोग कर सकते हैं। 
छाती में जमा कफ भी निकलता है। खांसी ठीक होने के बाद भी जो छाती से घड घड की आवाज आती है वो भी शांत होती है। 
इम्यून सिस्टम भी मजबूत बनता है। 


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