Impotency || Erectile dysfunction treatment || नपुंसकता का इलाज

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 Erectile dysfunction  

सम्भोग के से पहले या बीच में लिंग में उत्तेजना का न आना ya ling khada na hona नपुंसकता कहलाता है। 

Erectile dysfunction meaning in hindi (napunsakta kya hai)

 इसके अलावा देखा जाता है इस वजह से रोगियों में सेक्स करने की इच्छा भी नहीं होती।  कई बार देखा गया है के सम्भोग से पहले तो लिंग में उत्तेजना आ जाती है लेकिन जैसे सम्भोग शुरू करते है तो लिंग उत्तेजित नहीं रह पता और ढीला पड़ने लग जाता है।  इस से पुरुष बहुत उदास हो हो जाता है। दिन भर की कार्य शैली में भी उसका मन नहीं लगता और चिंता और क्रोधित रहता है। 


Erectile dysfunction symptoms in hindi (napunsakta ke lakshan, नपुंसकता के लक्षण )

लिंग का खड़ा न रहना, लिंग का उत्तेजित ही न रहना, वीर्य का पतला होना, बाप न बन पाना, सम्भोग की इच्छा ना होना, थकान का महसूस करना, एक दो मिनट के झटके मारने से ही लिंग का ढीला पड़ना, सांस फूल जाना इसके लक्षण होते हैं। 

Does masturbation causes impotency

इसका जवाब है हाँ,  चाहे youtube वाले या इंटरनेट वाले कुछ भी बोले व्यूज लेने के लिए लेकिन आप थोड़ा सा दिमाग अगर खुद लगाएंगे तो पाएंगे जब योनि के अंदर लिंग जाता है तो योनि के अंदर का एरिया बहुत नरम होता है जिस से लिंग को कोई दिकत नहीं होती, लेकिन वही हम मुठी में लेके लिंग को हिलाते हैं तो हाथ के हथेली हमारी बहुत ज्यादा सख्त होती है जिस से की लिंग की नसे ढीली पड़ जाती है। और बहुत ज्यादा हस्तमैथुन करने से वीर्य भी निकल जाता है। जब वीर्य इतना सारा शरीर से निकलता है तो पतला होना स्वाभाविक है। जब वीर्य ही पतला होगा तो न तो आप बाप बन पाएंगे और ना ही सम्भोग कर पाएंगे और शीघ्रपतन का भी यह कारन है।  


Causes and types of Erectile dysfunction

1. मानसिक नपुंसकता:- 

मैथुन करने वाले पुरुष का मैं जब भय, क्रोध, कब्ज(constipation), शोक, चिंता, ईर्ष्या आदि विकारो से बिगड़ जाता है, या फिर अनचाही स्त्री से मैथुन करे या फिर ऐसे विचार करे और बाद में इसका पछतावा करे तो धीरे धीरे लिंग में शिथिसलता आ जाती है, लिंग उत्तेजित नहीं होता।


2. पित्तज :-

चटपटे, अधिक खट्टे, गरम, खारी और नमकीन पदार्थो के अत्यधिक सेवन से और शराब,सिगर्रेटे या नशीली चीजों के सेवन से  या पित वर्धक चीजों के अत्यधिक सेवन करने से पित बढ़ कर वीर्य नष्ट कर देता है। जिस से की वीर्य विकार आने से napnsakta आ जाती है। 


3. वीर्य क्षय जन्य:-

जो पुरुष मैथुन तो बहुत कर लेता हो लेकिन वीर्य बढ़ने वाली बाजीकारक औषधि का सेवन न करता हो उसका वीर्य नष्ट होकर napoonsaktaa आजाती है।  


4. रोग जन्य :-

लिंग पर उपदंश, सुजाक (फोड़ा फुंसी) आदि भयंकर रोग हो जाने से, गलत सलत लिंग को बढ़ने के लिए दवाई खाने से और लगाने से, बहुत अधिक दिनों से बीमार रहने से, पेट की खराबी या लिवर की खराबी से, दिमागी कमजोरी से या किडनी की बीमारी होने से, मनुष्य मैथुन करने में असमर्थ हो जाता है उसको रोग जन्य napunsaktaa कहते है। 


5. शिरा छेद जन्य :-

किसी भी करने से वीर्य वाहिनी नसों के काट जाने से या चोट लग जाने से लिंग में चैतन्यता नहीं होती, इसको शिरा छेद जन्य napoonsakta कहते है


6. शुक्र छेद जन्य:-

जो पुरुष अधिक दिनों तक ब्रह्मचर्य का पालन करता है, स्त्री प्रसंग की इच्छा  न होने पर भी मैथुन करे या फिर इच्छा होने पर मैथुन  ना करे, वीर्य को बहार ना निकल ने दे, सम्भोग के अंत में जब वीर्य संखलित होने वाला हो उसको लिंग को मुठी से भींच के या किसी कारन से अवरोध करे, तो उसमे वीर्य विकार आजाता है, और napuunsakta ya impotency आ जाती है और अंडकोष में पथरी भी बन जाती है। 


7. सहज:-

जो पुरुष जन्म से ही नपुंसक हो, ऐसा बालक जिसके जनम से लिंग नहीं होता या कोई अंग काम होता है या अगर होता भी है तो निर्जीव होता ह।  उसे सहज नपुंसकता कहते है। 

Note:- शिरा छेद जन्य एवं सहज napunsakta असाध्य है शेष पाँचों नपुंसकताओं का इलाज आयुर्वेद में अनेको जड़ीबूटियों द्वारा सफल इलाज बताया हुआ है।  


Erectile dysfuntion Treatment (Napunsakta ka ayurvedic ilaj)

1. सिंघाड़े के आटे का हलवा बना के ठंडा होने के बाद उसमे शहद (shahad) मिला खाने से मरदाना शक्ति बहुत ही ज्यादा बढ़ती है। 

2. सर्दियों में गाजर पाक का सेवन करना या गूंद के लड्डुओं का सेवन करना बहुत ही ज्यादा लाभकारी है और वीर्य को भी बढ़ता है।
 
3. हरड़(harad), बहेड़ा और आंवला (त्रिफला चूर्ण) और कांतिसार चूर्ण बराबर मात्रा में लेके मिला लें।  फिर इसमें एक चमच शहद और आधी चमच घी मिला के रात को खाना खाने से पहले एक महीने तक सेवन करने से वीर्य जल्दी संखलित नहीं होगा और खूब मरदाना तकर बढ़ती है। कुछ महीने ब्रम्हचर्य रहते हुए सेवन करें। Harad ke fayde 

4. अश्वगंधा (Ashwagandha) चूर्ण और विधारा का चूर्ण बराबर मात्रा में लेके रख लें। इसकी एक चमच चूर्ण को मिश्री मिले हुए दूध के साथ सुबह रात सेवन करने से बहुत ज्यादा मरदाना शक्ति बढ़ती है।  इनमे से किसी एक का भी सेवन कर सकते है या फिर दोनों का। कुछ महीने ब्रम्हचर्य रहते हुए सेवन करें। 

5. मुलेठी का चूर्ण रात को दूध के साथ लेने से या मुलेठी का चूर्ण में एक चमच शहद मिला के और आधी चमच घी मिला के चाटें ऊपर से दूध पियें , रात को को सोते समय ले। इस से वीर्य दोष ख़त्म होता है मरदाना शक्ति बढ़ती है। कुछ महीने ब्रम्हचर्य रहते हुए सेवन करें ।

6. आप जितना दूध पीते है उसमे आधा गिलास पानी डाल दें और उसमे एक चमच शतावरी का चूर्ण डाल दें, और स्वादनुसार देशी मिश्री भी डालें। इसको खूब पकाएं जब सारा पानी उड़ जाये जो आपने आधा गिलास डाला वह जब ख़त्म हो जाये तो उस दूध को उतार कर छान कर पियें, इस से काम इच्छा, बढ़ती है और सम्भोग के समय लिंग ढीला नहीं पड़ता। कम से कम तीन  महीने करें, कुछ महीने ब्रम्हचर्य रहते हुए सेवन करें।

7. गोखरू के चूर्ण को बकरी के दूध पकाकर सेवन करने से अप्राकतिक नपुंसकता जैसे, गुदा मैथुन( गुदा मैथुन करने से लिंग में बीमारिया हो जाती है जिस से नपुंसकता आती है), बहुत ज्यादा मैथुन करने से आयी हुई नपुंसकता, या फिर जो मुर्ख लोग जानवरो के साथ सम्भोग करते है उनमे भी नपुंसकता आती है उन सभी के लिए यह परम औसध है।   एक महीने तक नियम से सेवन करें। 

8. अश्वगंधा, शतावरी, गोखरू, कोंच के बीज और सफ़ेद मूसली इन सभी को बराबर मात्रा में लेके चूर्ण बना के सुबह रात को मिश्री मिले हुए दूध के साथ सेवन करने से सभी प्रकार की नपुंसकता, वीर्य दोष, लिंग दोष, शीघ्रपतन, लिंग का ढीला पड़ जाना, सब तरह के दोष ख़तम होकर के पुरुच मर्द बन जाता है और बाप भी बन सकता है।  यह रामबाण है। 

इसमें अगर चाहे तो सफ़ेद मूसली को हटा सकते है क्युकी यह थोड़ी महँगी आती है।  और अगर कोई गरीब आदमी हो तो वह केवल अश्वगंधा का चूर्ण दूध या गुनगुने पानी के साथ भी तीन महीने सेवन कर लेता है तो नपुंसकता को मात देकर के मर्द बन जाता है। 

नपुंसकता के घरेलु और कारगर इलाज  

1. आधी चमच देशी मिश्री का चूर्ण, आधी चमच घी, एक चमच शहद, और एक चमच प्याज का रस इन सभी को मिला के पेस्ट बना लीजिये फिर इसको चाट के ऊपर से दूध पी लीजिये कुछ दिन में काम इच्छा बढ़ा देगा।  चाहे तो स्त्री पुरुष दोनों कर सकते है। 

2. जब अपनी नपुंसकता ठीक हो जाये और उसके बाद कभी सम्भोग करें तो कोंच के बीज की जड़ मुख में धारण करके सेक्स करें इस से वीर्य जल्दी संखलित नहीं होता। 

3. दो लहसुन की कलियाँ शहद के साथ लेने से नपुंसकता दूर होती है। shahad ke faayede

4. 25 से 30  हलकी सफ़ेद प्याज(लाल न हों) लेकर के शहद में मुरबे की तरह डूबों दें फिर इसको एक महीने बाद नित्य एक प्याज खाएं।  यह एक महीने तक चलेगी।  यह मरदाना शक्ति 10 गुना बढ़ा देता है।  

5. अगर आपके वीर्य पतला होने या वीर्य दोष की वजह से नपुंसकता है और प्याज का रस शहद में मिला के चाटें इस वीर्य बढ़ता भी है और पुष्ट भी होता है। 

6. दूध में छुवारे डाल के खूब उबालें फिर इसको छान कर के रात को सोते समय लेने से, नपुंसकता, बार बार मूत्र आना, prostate enlargement, बिस्तर पर पेशाब करना आदि ख़त्म होती है।   


क्या ना खाएं 


यह पित्त का रोग है, पित्त बढ़ करके वीर्य में मिल जाता है जिस से नपुंसकता आजाती है, अत्यंत खट्टे पदार्थ, अत्यंत कट्टु पदार्थों का, धूम्रपान, शराब, मैदे से बानी हुई चीजें, नशीली दवाइयां, vaigra, अप्राक्रतिक मैथुन, करना छोड़ दें। 

क्या खाएं


दूध, घी, उरद, बाजीकारक औसधियाँ जैसे अश्वगंधा, शतावरी आदि का चूर्ण जरूर खाएं। क्युकी यह वीर्य वर्धक है। जब तक पुरुष के शरीर में वीर्य गाढ़ा और पूर्ण मात्रा में रहता है मनुष्य नामर्द नहीं बन सकता। 



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