Ashwagandha benefits in hindi & uses (अश्वगंधा के फायदे, नुकसान व सेवन की विधि)

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अश्वगंधा के फायदे



Ashwagandha ke fayede in hindi

अश्वगंधा एक प्राचीन जड़ी बूटी है जिसका उपयोग प्राचीन काल से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है। इस औषधीय जड़ी बूटी का उपयोग तनाव, चिंता, अनिद्रा, थकान और जोड़ों के दर्द सहित कई तरह की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। 

हाल के वर्षों में, यह तेजी से लोकप्रिय हो गया है क्योंकि अधिक से अधिक लोग अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए प्राकृतिक तरीकों की तलाश कर रहे हैं। 

इस ब्लॉग पोस्ट में, हम अश्वगंधा के कई लाभों का पता लगाएंगे और स्वास्थ्य के प्रति उत्साही लोगों के बीच यह इतना लोकप्रिय क्यों हो रहा है। हम चर्चा करेंगे कि कैसे यह शक्तिशाली जड़ी बूटी तनाव के स्तर को कम करने, ऊर्जा को बढ़ावा देने और समग्र कल्याण में सुधार करने में मदद कर सकती है। 

इस लेख के अंत तक, आप समझ जाएंगे कि यह आयुर्वेदिक चिकित्सा में सबसे मूल्यवान जड़ी बूटियों में से एक क्यों है।



Ashwagandha plant:-

यह एक हर्बल उपचार है जिसका उपयोग सदियों से भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है। यह नाम संस्कृत शब्द से आया है जिसका अर्थ है "घोड़े की गंध", और इसी से ही असली अश्वगंधा की पहचान होती है। 

जड़ी बूटी में एक मजबूत, मिट्टी की गंध है। अश्वगंधा को कभी-कभी भारतीय जिनसेंग या विंटर चेरी कहा जाता है।

इस शक्तिशाली जड़ी बूटी के कई उपयोग हैं। इसे पाउडर, कैप्सूल, अर्क या चाय के रूप में लिया जा सकता है। अश्वगंधा का उपयोग आमतौर पर चिंता और तनाव से राहत के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जाता है, लेकिन इसके अन्य लाभ भी हैं जैसे ऊर्जा का स्तर बढ़ाना, नींद में सुधार करना और सूजन को कम करना।

यदि आप अधिक शांत और तनावमुक्त महसूस करने के लिए प्राकृतिक तरीके की तलाश कर रहे हैं, तो अश्वगंधा को आजमाएं।


Ashwagandha uses:- 

आयुर्वेद भारत की एक प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है जो सहस्राब्दियों से प्रचलित है। अश्वगंधा (विथानिया सोम्निफेरा) आयुर्वेद में एक प्रमुख जड़ी बूटी है, और इसे आमतौर पर भारतीय जिनसेंग या विंटर चेरी के रूप में जाना जाता है। अश्वगंधा के स्वास्थ्य लाभ की एक विस्तृत श्रृंखला है, जिसमें तनाव और चिंता को कम करना, ऊर्जा के स्तर को बढ़ाना, प्रजनन क्षमता में सुधार करना और दर्द से राहत देना शामिल है।


Ashwagandha benefits in hindi:-


सफ़ेद बालों की समस्या:-

4 ग्राम अश्वगंधा का चूर्ण रात को दूध के साथ सेवन करने से असमय में बाल सफ़ेद होने की समस्या से निजात मिलता है। 


How to improve eye sight:- 2 ग्राम अश्वगंधा, 2 ग्राम आवला, 1 ग्राम मुलेठी इन सबके चूर्ण को मिक्स करके पानी के साथ सेवन करने से आखों की रौशनी बढ़ती है। 


Goitre treatment:-अश्वगंधा के चूर्ण के साथ पुराने गुड़ की गोलिया बना के सेवन करें और अश्वगंधा के पत्तों को पीस कर गले पे लगाने से गलगण्ड रोग ठीक होता है। 


TB treatment:- अश्वगंधा के फायदे इतने हैं की यह TB  की बीमारी के लिए भी अच्छा है। आपको २ ग्राम अश्वगंधा के चूर्ण को इसी के काढ़े के साथ सेवन करने से TB का इलाज होता है। 


Sukhi khansi aur balgam khansi:- अश्वगंधा की जड़ 10 ग्राम और मिश्री भी दस ग्राम मिला लें 400 ml पानी में।  जब 50  मल बच जाये तब इस काढ़ा के पीने से सुखी खांसी और बलगम वाली खांसी में भी लाभ होता है। 


Virya gada karne ki dawa:- अश्वगंधा, गोखरू, शतावरी सबको समभाग लेके उसमे थोड़ी सी मिश्री मिला के दूध के साथ सेवन करने से वीर्य गाढ़ा हो जाता है या केवल एके अश्वगंधा मिश्री के साथ सेवन करने से भी वीर्य गाढ़ा हो जाता है। 


Benefits of Ashwagandha in Other Problems

👉बड़ा गोखरू और अश्वगंधा चूर्ण की बराबर मात्रा लेके एक चमच्च दूध के साथ नित्य सेवन करने से TB रोग, शरीर की दुर्बलता, चक्कर आना, मरदाना कमजोरी आदि सब रोग दूर होते हैं। 

👉अश्वगंधा, बरिआरा, बेल और दशमूल की 10 औषधियां सबको मोटा पीस कर काढ़ा बना लें, काढ़ा बनाने के लिए आपको सबके मिक्सचर चूर्ण की दो चमच्च चूर्ण दो गिलास पानी में डाल कर इतना उबालना है के आधा गिलास बच जाये इसको उतार छान कर, फिर इसमें आधा एक चमच्च एरण्ड तेल मिला कर सुबह खाली पेट पीने से 1 महीने में साइटिका रोग खत्म हो जाता है। यह साइटिका का देसी इलाज है। 

👉अश्वगंधा की एक चमच्च चूर्ण को मिश्री में मिला के दूध के साथ रात को सोते समय पीने से low BP लाभ होता है। 

👉 मालती या मालकुंगनी, अश्वगंधा, मोचरस इन सबको बराबर मात्रा में लेके काढ़ा बना लें।  इस काढ़े से योनि प्रक्षालन करने से uterine prolapse में बहुत अच्छा लाभ होता है।  अश्वगंधा आरिष्ट की दो चमच लेके उसमे दो चमच पानी मिला के खाना खाने के आधे घंटे बाद दिन में दो से तीन बार सेवन करें। 

👉 अश्वगंधा, निर्गुन्डी, कटेरी और पीपरी इन सबको समभाग मात्रा में लेके चूर्ण बना के धुनि देने से बादी बवासीर ठीक होती है। 

👉 अश्वगंधा चूर्ण निरंतर उपयोग करने से स्मरण शक्ति बढ़ाने और मस्तिष्क की गतिविधियों को संतुलित करता है और Encephalitis जैसे गंभीर रोग को भी ठीक करती है। 

👉 अश्वगंधा का चूर्ण की एक चमच्च मात्रा लेके मिश्री मिले हुए दूध के साथ रात को सोने से पहले लेते रहने से अनिंद्रा की शिकायत दूर होकर के अच्छी नींद आती है। 

लिंग मोटा और लम्बा करने के लिए अश्वगंधा

👉हल्दी, मिश्री, अश्वगंधा और पारद बराबर मात्रा में लेके चूर्ण बना के लेप तैयार करें और लगाएं। इस से लिंग, योनि, कान, और स्तन की वृद्धि होती है।

👉अश्वगंधा, अपामर्ग, सारिवा, बहेड़ा, काले तिल , सरसों और इंद्र जौ  इन सभी को समभाग मात्रा में लेके बकरी के दूध में पीस कर अच्छे से पेस्ट बनाये।  एक महीने तक ऐसे ही लिंग के पिछले भाग पर लेपन करें। लिंग की लम्बाई बढ़ाने के लिए अच्छा नुस्खा है। 

👉 शहद, छोटी कटेरी, तगर, काली मिर्च, पीपरी, सेंधा नमक, अपामार्ग, जौ , तिल , गुड़, सफ़ेद सरसों, उड़द और अश्वगंधा सभी को बराबर मात्रा में लेके चूर्ण बना के अच्छे से पेस्ट बना के लिंग के पिछले भाग पे लगाने से विशेष वृद्धि होती है।  - योग रत्नाकर

👉कूठ, नागबला, अश्वगंधा, बड़ी पीपली, और कनेर के मूल इन सबको बराबर मात्रा में लेके अच्छे से घोंट के पेस्ट बना के लगाने से भी लम्बाई बढ़ती है।



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