Insomnia treatment, symptoms अनिंद्रा का इलाज

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Insomnia meaning in hindi:-

अनिंद्रा एक वात का रोग है जब शरीर में वात बढ़ जाता है तब हमे अनिंद्रा की शिकायत हो जाती है।  इस से पीड़ित होना एक भयावह और भारी अनुभव हो सकता है। जैसे ही आप बिस्तर पर लेटते हैं, सोने में असमर्थ होते हैं, हताशा आ सकती है क्योंकि बिना किसी राहत के घंटे बीत जाते हैं। 

यह एक आम समस्या है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है, और जबकि इसे अक्सर नींद की स्वच्छता के साथ एक समस्या के रूप में माना जाता है, इसके कई अंतर्निहित कारण हैं जिन्हें संबोधित किया जा सकता है। 


इस ब्लॉग पोस्ट में, हम पता लगाएंगे कि बीमारी क्या है, इसके कुछ सामान्य कारण और उपचार, और यदि आवश्यक हो तो सहायता कैसे प्राप्त करें। अनिद्रा से पीड़ित अधिकांश लोगों का उनकी नींद की आदतों और जीवन शैली विकल्पों में बदलाव के साथ सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है। कुछ लोगों को दवा या अन्य उपचार की भी आवश्यकता हो सकती है।


What is insomnia:-

अनिद्रा एक नींद विकार है जो सोने में दिकत या सोये रहने में दिकत या दोनों को मुश्किल बना सकता है। अनिद्रा वाले लोग अक्सर दिन के दौरान थका हुआ महसूस करते हैं और ध्यान केंद्रित करने में परेशानी हो सकती है। अनिद्रा अल्पकालिक (तीव्र) या दीर्घकालिक (क्रोनिक) हो सकती है।


अनिद्रा के कारण:-

जिनमें तनाव, चिंता, अवसाद, दवाएं, चिकित्सीय स्थितियां और नींद की खराब आदतें शामिल हैं। अनिद्रा अन्य स्लीप डिसऑर्डर के कारण भी हो सकती है, जैसे ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया।

डिप्रेशन में रहने से, बहुत अधिक अधिक थकन महसूस करने से, गलत ढंग से खाने पीने से, कब्ज रहने से, मानसिक तनाव या चिंता में रहने से, या शरीर का कोई भाग रोग ग्रस्त हो जाने से, अत्यधिक धूम्रपान करने से या शराब पीने से ( शरभ अधिक पीने से नींद तो आजायेगी लेकिन इसकी आदत लगने के बाद जिस दिन आपने शराब नहीं पी उस दिन नींद नहीं आएगी), जरा सी आहात पे ही नींद खुल जाना, रात को उचाटी रहना। यहाँ सब Causes of insomnia हैं।


अनिद्रा के लक्षण:-

अनिद्रा से जुड़े कई अलग-अलग लक्षण हैं। कुछ लोग इनमें से केवल एक या दो लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं, जबकि अन्य कई लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं। अनिद्रा के सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं:

सोने में कठिनाई।

रात के दौरान बार-बार जागना।

सुबह देर से उठना, या देर शाम सो लेना या दिन में बहुत देर तक सोने से। :

दिन के दौरान थकान महसूस करना।

शरीर में आलस्य बना रहना। 

जरा सी आहट पे ही नींद खुल जाना।

रात को उचाटी रहना।

These are the insomina sympotoms.


पतंजलि अनिद्रा की दवा:-

दिव्य मेधा का काढ़ा – 300 ग्राम

1 चम्मच औषध को 400ML  पानी में इतना उबालें की 100ML बच जाये फिर इसको उतार छान कर,  प्रात: सायं खाली पेट पियें।


दिव्य मेधा वटी – 40 ग्राम

दिव्य ब्राह्मी वटी- 40 ग्राम

यह सब आपको 1-1 गोली दिन में 3 बार सुबह नाश्ते दोपहर-भोजन एवं सायं भोजन के आधे पौने घण्टे बाद गुनगुने जल से सेवन करें।


दिव्य सारस्वतारिष्ट – 450 मिली

4 चम्मच आरिष्ट में 4 चम्मच पानी मिलाकर सुबह शाम खाना खाने के एक घंटे बाद सेवन करें। 

*दो दवाई लेनी हो तो दोनों के बीच 1 घंटे का gap लें।*


अनिद्रा की होम्योपैथिक दवा:-

वैसे तो होम्योपैथी में हैसलेब नर्वो कॉम ड्रॉप्स  NERVOCALM DROPS लेकिन फिर भी आपको किसी होमियोपैथी डॉक्टर की सलाह से लेनी चाहिए क्यों वो आपकी actual condition देख कर ही बता सकता है। 


अनिद्रा के लिए आयुर्वेदिक दवा:-


👉अश्वगंधा का चूर्ण 5  ग्राम की मात्रा में मिश्री मिला के दूध के साथ रात को सोने से पहले लें। 

👉पांच ग्राम पीपरा मूल को मिश्री के साथ खाने से अच्छी नींद आती है। 

👉मेहंदी के पत्ते पेशवा कर तलवो पे लेप लगवाएं कुछ दिन लेकिन गर्मियों में ही। 

👉जायफल का चूर्ण अवले के रस के साथ लें। 

👉जयफल को पानी में घीस कर इस घुटी का सेवन करें, यही घुटी अगर पलकों पे लगते हो तो अच्छी नींद आती है।

👉यदि नींद ना आने कारन बेचैनी और उत्तेजना हो रही हो तो जायफल को शहद के साथ चाटें। 

👉दो चमच शहद में एक चमच प्याज का रस मिला कर के चाटें।  

👉तरबूज के बीज और खस खस का चूर्ण दोनों बराबर मात्रा में लेके इनके मिक्सचर का 3 ग्राम चूर्ण पानी के साथ सुबह शाम लेने से यह बीमारी ठीक होती है इसके साथ HIGH BP का इलाज भी है, और जिनके सर दर्द रहता है उनके लिए भी यह हितकर है।   


क्या करें (insomnia food):- 

अच्छा स्वस्थ ताज़ा भोजन करना इसमें हितकर है, वाट नाशक चीजें खाना भीं लाभकारी है, पेट में कब्ज न रहने दे, टाइम से सोने का उठने का टाइम टेबल बनाये योग प्राणायाम करें, चिंता क्रोध डेप्रीसिओं में ना रहें, वर्ण ये बीमारी लम्बे समय तक चल सकती है, कोई भी बीमारी छोटी नहीं होती अगर वो लम्बे समय तक रहती है तो उग्र रूप ले लेती है।  इसीलिए इसका जो साधारण और आयुर्वेदिक उपचार बताया है उसको आज से ही शुरू करना चाहिए वर्ण यह और रोग को भी साथ में लेके आ सकती है। 


क्या ना करें:-

तला हुआ भोजन न करें, एक बार खाना खाने के बाद, दोबारा 4  घंटे के बाद ही खाएं, रात का भोजन जल्दी करें और उसके बाद टहलने जाएँ, क्युकी लेट भोजन करोगे तो लेट ही पचेगा जिसके कारन कब्ज बनेगी। 

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