Constipation(कब्ज)
Constipation meaning hindi:- हमारे द्वारा किये हुए भोजन ग्रहण करने के बाद उसका पाचन संस्थान द्वारा पाचन होता रहता है। मुँह में ग्रास के चबाने के साथ ही शरीर पाचन क्रिया की शुरूआत हो जाती है। उसके बाद ग्रास नली के द्वारा आमाशय में पहुँच कर भोजन के पचने की क्रिया आरभ हो जाती है। अगर इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की रुकावट होती है। तो फिर भोजन अच्छे से नहीं पचता और अपच हो जाती है और फिर यह बीमारी होती है।
what is constipation:- Failure to pass stool properly is called 'constipation'. This disease also occurs due to excessive stress. Waking up late at night, reducing food or eating too much fried or greasy food or can also be due to some disease.
kabj kya hota hai:- सही ढंग से मल का न निकलता 'कब्ज' कहलाता है यह रोग अधिक तनाव के कारण भी होता है। देर रात तक जागने, भोजन कम करने या ज्यादा तला भुना या चिकना भोजन करने से या किसी बिमारी के कारण भी हो सकता है।
कब्ज क्यों होता है:- शोक, दुख, चिन्ता के कारण भी यह बीमारी हो जाता है। इसमें पेट में गैस(gas) बनने लग जाती है। हवा पास नहीं हो पाती, खट्टी डकारें आती हैं तथा जी मिचलाने लगता है। कई बार एलॉपथी दवाइयों से या मैदे की चीजे खाने से, या पूरे दिन खाली बैठे रहने से पेट की अग्नि मंद हो जाती है उसके कारण भी यह बीमारी हो जाती है। This is constipation causes and reasons.
पुरानी/नयी कब्ज के लक्षण:- सूखा और बहुत कष्ट से मल निकलना, दो तीन तक मल न निकलना, मल निकलने में बहुत दिकत महसूस होना, पेट में ऐठन और दर्द रहना, पेट में गैस और एसिडिटी का बन ना, शारीरिक कमजोरी आना आदि। These are the constipation symptoms.
kabj ke upay:- हर प्रकार के रोगी अपने खान पान में असंयम के कारण इस रोग का शिकार हो जाता है। इसी से ही दुनिया-भर की बीमारिया होती हैं। अपना आहार विहार तय कर लें तो कभी कोई बीमारी नहीं होगी। असंयम के कारण कभी भी कोई रोग हो भी गया तो नेचुरल ट्रीटमेंट के माध्यम से उसका धैर्य से इलाज कराना चाहिए। ऐसा कोई रोग नहीं जो प्राकृतिक चिकित्सा से अच्छा नहीं हो सकता। प्राकृतिक चिकित्सा प्राणीमात्र के लिए वरदान है। अतः पहले संयम से रहकर इस रोग मिटाइए।
👉रात में तांबे के बर्तन में रखा पानी सुबह शौच जाने से पहले पीने से यह बीमारी दूर होती है।
home remedies for constipation:- अदरक के रस में नींबू और पुदीने का रस मिलाकर पीने से रोग में आराम मिलता है यदि जरुरत लगें तो एक दो चम्मच शहद भी मिला सकते हैं।
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कब्ज की आयुर्वेदिक दवा:- सौठ, कालीमिर्च, पीपल याने के त्रिकटु को बराबर मात्रा में लेकर चूर्णं बनायें। सुबह-शाम एक -एक चम्मच लें। यह रोग दूर होगा यह कफ नाशक भी है मोटापा भी कम होता है।
👉पके हुये बेल का शरबत पीने से या बेल के गुदे में सौंफ का पाऊडर मिलाकर पीने से यह बीमारी दूर होती है। सीधा पका बेल खायें तो और अच्छा।
कब्ज का परमानेंट इलाज:- रात को गर्म दूध के साथ एक चम्मच त्रिफला चूर्ण लेने से यह disease तो दूर होती ही है साथ में बवासीर भी दूर होती है और डायबिटीज भी ठीक होती है।
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Ayurvedic medicine for constipation:- रात में दूध के साथ दो चम्मच ईसबगोल खाने मे इस रोग का नाश होता है।
👉पुदीने का रस थोड़ी चीनी या गुड़ मिलाकर लें। सौंठ, इलायची(बडी), दालचीनी को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें, सुबह शाम सादे पानी के साथ एक चम्मच लेने से कोस्ट्बद्धता दूर होती है।
गैस और कब्जियत की आयुर्वेदिक दवा:- गरम पानी में एक नीबू मिलाकर पीने से कोस्ट्बद्धता के साथ साथ गैस भी दूर होती है।
कब्ज गैस का रामबाण इलाज:- अदरक की चटनी नमक मिलाकर चाटने से गैस पास होने लगती है।
constipation remedies:- कोस्ट्बद्धता होने पर हीरा हींग की फाँक लेने (पानी के साथ) से भी तथा नाभि पर हींग रखने और मलने से भी कोस्ट्बद्धताकी शिकायत दूर होती है।
chronic constipation:- आधा चम्मच पीपल का चूर्ण गुड के साथ लेने से या इसकी गोली भी बना सकते हैं उस से भी कब्ज दूर होगी।
Medicine for constipation:- सौंठ, हरड़, अजवायन को समान मात्रा में पानी में उबालें तथा वह पानी (नमक मिलाकर) लेने से यह disease दूर होती है।
👉भुनी हींग, भुना जीरा, सौंठ, सेंधा नमक समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें यह चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से यह दूर हो जाती है।
Constipation home remedies
👉अदरक और सूखे धनिए का काढ़ा पीने से यह बीमारी दूर होती है।
👉कच्ची गाजर चबा-चबाकर खाने से यह रोग दूर हो जाता है।
👉इस रोग में आँवले का मुरब्बा भी फायदेमंद है। आँवले का पावडर भी ले सकते हैं।
👉गिलोय का चूर्ण गुड के साथ लेने पर यह रोग दूर होता है।
👉भोजन के साथ सुबह शाम पपीता खाने से यह रोग दुर होता है।
kabj ka gharelu upay
👉रात को सोते समय दूध में एक चम्मच एरंड तेल मिलाकर पीने से यह रोग दूर होता है।
👉प्रतिदिन 25 मिली लीटर देशी गाय का गोमूत्र पीने से यह रोग दूर होता है।
👉कमजोरी द्वारा पैदा हुई अपच या पेट दर्द में कच्चा लहसुन चबाकर खाने से लाभ मिलता है।
👉यदि खाना नहीं पचता तो फालसे के रस के साथ सेंधा नमक और काली मिर्चे मिलाकर पीयें। फालसा पित्त विकारों में भी लाभ करता है।
कब्जियत तोड़ने की दवा:- एक गिलास पानी में एक चम्मच सौंठ उवालकर सेंधा नमक मिलायें और ठंडा होने पर पीयें। अपच में लाभ होगा।
Kabj ka ilaj in hindi
👉दही में बारीक प्याज काटकर खाने से लाभ मिलता है।
👉कच्चे प्याज का रस पेट दर्द, बदहजमी, वायु विकार और अफरा में लाभदायक होता है।
👉राई के नियमित सेवन से पुराने से पुराना अपच नष्ट हो जाता है।
constipation in pregnancy:- अंगूर के निर्यामित सेवन से pregnancy constipation अपने आप ठीक होता है।
👉अदरक का किसी भी रूप में प्रयोग करते रहने से भोजन सरलता पूर्वक पचता है और कब्जियत भी दूर होती है।
पुरानी से पुरानी कब्ज की दवा:- पुराना अथवा बिगड़ा हुआ कब्ज-दो संतरों का रस खाली पेट प्रातः आठ-दस दिन लगातार पीने से ठीक हो जाता है।
कब्ज को जड़ से इलाज:- एक हरड़ खाने से अथवा 2 से 5 ग्राम हरड के चुर्ण को गर्म पानी के साथ लेने से कब्जियत का नाश होता है। शास्त्रों में कहा गया है:
यस्य माता गृहेनास्ति तस्य माता हरीतकी।
कदाचित्कुप्यते माता न चोदरस्था हरीतकी।।
'जिसकी माता नहीं होती उसकी माता हरड़ होती है। माता कभी गुस्सा भी हो सकती है लेकिन पेट में गई हुई हरड़ कभी कुपित नहीं करती।
यह हरड़ छोटे शिशु को घुटी के रूप में भी देते हैं। कुछ लोग 6 महीने के बच्चे को या एक साल के बच्चे या 3 साल तक के बच्चे को भी खिलते हैं। इसके साथ पुराने वक़्त में हरड़ के साथ जायफल की भी घुटी दी जाती थी। This is the immediate constipation relief adults
कब्ज का रामबाण इलाज पतंजलि :-
दिव्य शुद्धि चूर्ण
दिव्य गैस हर चूर्ण
दिव्य हरीतकी चूर्ण
पुरानी कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा(homeopathic constipation medicine):- Nux vomica 30 or 200
Yoga for constipation(kabj ke liye yoga):- पवनमुक्त आसान और कपालभाति प्राणयाम नियमित करने से यह बीमारी जड़ से खत्म होती है।
castor oil for constipation:- एरण्ड का तेल एक चम्मच की मात्रा में लेके एक कप गर्म पानी या गर्म दूध में मिलाकर रात सोते समय पीने से भी यह बीमारी दूर होकर दस्त साफ आता है।
Food for constipation:- गेहूँ (दो भाग) और चना (एक भाग) को मिलाकर बनाई गई मिस्सी रोटी, मोटे आटे की रोटी, चोकर युक्त आटे(बिना छना हुआ आटा) की रोटी, चोकर की खीर, दलिया, भुने हुए चने, पालक या पालक का सूप, बथुआ, मैथी, टमाटर, गाजर, कच्चा प्याज, सलाद, पुदीना, पपीता, चीकू, अमरूद, आँवला, संतरा, ताजे फलों का रस, नींबू पानी, देशी घी, मक्खन, दुध. के साथ भिगोई हुई मुनक्का, खजूर या रेशेदार(Fibre, छि्लका, भूसायुक्त) पदार्थ, छाछ आदि।
dekhen chaach ke fayde
भोजन करते समय प्रत्येक ग्रास को खूब अच्छे से चबा चबा कर खाना चाहिए। खाना खाने के तुरन्त बाद एक घंटे बाद पानी पीना चाहिए।
कब्ज में परहेज( what to not eat in constipation)- मैदा या मैदे से बनी वस्तुएँ, तले हुए पदार्थ अधिक मिर्च खड़े मसाले वाले पदार्थ, बाजारू चाट-पकौडियाँ, मिठाइयाँ, कोल्ड ड्रिंक्स, केला, काफी, चाय, मांस, मछली, अण्डे, रात देर का खाना, खाने के तुरन्त बाद फ्रिज का पानी पीना, लगातार देर तक बैठे रहने की आदत, आदि।