Turmeric benefits in Hindi || हल्दी के फायदे

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Haldi ke fayde



 हल्दी(Turmeric in hindi)


Turmeric powder यह  कटु(तीखा), तिक्त(कडुवा), गर्म, दीपन(जठरग्नि को बढ़ने वाली), कृमि(कीड़े) को नष्ट करने वाली, शरीर का शोधन करने वाली, कफ का नाश करने वाली, सूजन का नाश करने वाली, वातनाशक, रुक्ष, घावों को भरने वाली और शरीर की कांतिवर्धक है। 

अन्य नाम:-  हरिद्रा, कुरकुमा लौंगा, वरवर्णिनी, गौरी, क्रिमिघ्ना योशितप्रीया, हट्टविलासनी, हरदल, कुमकुम, टर्मरिक।  


हल्दी के फायदे और गुण:-  यह ज्यादातर सर्दी, वातदोष, रक्तदोष, कुष्ठ रोग याने के स्किन डिजीज, प्रमेह याने के मूत्र के अलग अलग रंग का आना, मधुमेह (diabetes) भी प्रमेह का बिगड़ा हुआ रूप है, खुजली, घाव, त्वगदोष(त्वचा के रोग), शरीर में सूजन, खून की कमी, जुखाम(jukham), अरुचि, आदि में प्रयोग की जाती है। 


प्रेगनेंसी रोकने के उपाय:- जैसा की हमने ऊपर अभी पढ़ा की इसकी तासीर गर्म होती है। और हम सब जानते है की गर्भावस्था में गर्म तासीर वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। 

महिलाएं पीरियड्स आने से पहले हरिद्रा का काढ़ा, या हरिद्रा को गर्म दोष के साथ सेवन करती है क्युकी हरिद्रा खाने से पीरियड्स जल्दी आता है, या फिर अगर रुके हुए जो पीरियड्स हैं वो आजाये, अतः हरिद्रा का सेवन नहीं करना चाहिए अगर आप किसी रोग विशेष के लिए इसका उपयोग करते हैं तो किसी वैध की सलाह से ही करें। 


पिंपल हटाने के उपाय:- इसके चूर्ण में नीम के पत्तों को कूट लें इसमें और अच्छे  से घोंट के गाढ़ा पेस्ट तैयार करलें। इसका पेस्ट युवाओं के जो पीडिकाएँ, होती है चेहरे पे उसके ऊपर लगाएं फिर थोड़ी देर बाद धोलें।  दो तीन दिन के प्रयोग से चेहरा साफ़ सुथा हो जाता है।  


बवासीर का इलाज इन हिंदी मस्सों पर हर्दी, aloevera को आपस में मिला करके मस्सों पे लगाने से इस बीमारी में आराम होता है। 

इसके चूर्ण को थूअर के दूध के साथ मिलाएं और गाढ़ा सा लेप बना लें। फिर इसमें से एक सूत का डोरा भिगोएं।  इस डोरे को बढे हुए मस्सों पे बाँधने से दो से तीन दिन में मस्से गिरजाते है। 

हर्दी की गाँठ को घी में घीस कर भी मस्सो पे लेप लगाने से लाभ होता है।

 

सूजन दर्द और गम चोट पे :-  इसका थोड़ा सा चूर्ण, थोड़ा सा शहद(shahad ke fayede) और चूने में  मिला के लेप बना लें।  शरीर में कहीं भी दर्द हो चाहे वो गम चोट का हो या कहीं से गिरने की वजह से हो या लाठी मुक्का आदि के प्रहार की वजह से हो वहां लगाने से दर्द कुछ ही देर में चला जाता है। 


एक रोटी बेलें उसको एक साइड से सेक लें दूसरी कच्ची वाली जगह पे सरसों के तेल से चपड़ लें और इसपे पीसी हुई हर्दी भी लगा लें और गरम गरम दर्द वाली जगह पे बांध दें थोड़ी देर बाद सारा दर्द चला जायेगा। 


इसके चूर्ण को पुराने गुड़ के साथ पीसकर दर्द वाली जगह पे लगाने से भी दर्द चला जाता है। 


हल्दी और फिटकरी के फायदे:- एक गिलास पानी में इसका थोड़ा सा चूर्ण मिला लें, थोड़ा सा सेंधा नामक और थोड़ी सी फुलाई हुई फिटकरी(fitkari ke fayede)।  इस पानी से कुल्ला करने से दांतो के रोग नष्ट होते है। 

इसी पानी से गरारे करने से गले की सूजन, Tonsils, गले की खराश आदि ठीक होते है। 

अगर कहीं पे घाव हो जाता है तो वहां हरिद्रा, फिटकरी का लेप लगा सकते है, इस से खून रुक जाता है और घाव भी जल्दी भर जाता है।  इसमें सरसों का तेल भी मिला के पेस्ट बना सकते है।  यह दोनों एंटी बैक्टीरियल है। 


कान के बहने में टर्मरिक और फिटकरी को दोनों को आपस में मिला करके कान में टपकाते है। 


चेहरे पर हल्दी और बेसन लगाने के फायदे:- इन दोनों के पेस्ट में यदि मलाई मिला ली जाये तो चेहरे का कालापन दूर होता है, झाइयां मिटती है।  स्किन को टाइट भी करता है जिस से उम्र दर्ज महिलाओं की स्किन लटकती नहीं है और जवान दिखती है। 


हल्दी से पीरियड कैसे लाये:- अगर आपके पीरियड्स नहीं आ रहे हैं तो दो गिलास पानी लेकर के आधी चमच इसका चूर्ण डाल दें, इसमें एक चौथाई अजवाइन भी डाल दें और खूब उबालें जब यह उबाल कर आधा गिलास शेष बच जाये तो उतार कर छान कर सुबह शाम खली पेट सेवन करें। 


प्रदर रोग(pradar) में इसको गुग्गुल के साथ या फिर रसोत के साथ देते है। दोनों चीज एक एक ग्राम की मात्रा में साधारण पानी के साथ खली पेट सेवन करने से कुछ ही दिन में प्रदर रोग ख़त्म हो जाता है। 


सुजाक रोग(Gonorrhea) में जब पेशाब गाढ़ा, पीड़ायुक्त, बार बार थोड़ा थोड़ा आने लगता है तब इसको आंवले के साथ काढ़े के रूप में प्रयोग होता है। हर्दी और आंवला का चूर्ण दोनों को बराबर मात्रा में लेके दो गिलास पानी में इसके मिक्सचर की एक चमच डाल के खूब उबालें जब आधा गिलास शेष रह जाये तो उतार छान कर सुबह खली पेट सेवन करें रोग ज्यादा हो तो शाम को भी खली पेट सेवन करें। 

इस काढ़े से एक या दो बार दस्त लगते हैं, पेशाब की जलन कम होती है, पेशाब थोड़ा थोड़ा आने की बजाय खुलकर आता है।  


त्वचा के रोग:- इसको माखन में मिला के त्वचा पे लगाने से त्वचा के रोग खत्म होते हैं और त्वचा मुलायम बनती है। यह त्वचा को साफ़ भी करता है। इसीलिए शादी से पहले रस्म करके पूरे शरीर में टर्मरिक लगायी जाती है। 


हल्दी दूध के फायदे:- अंदरूनी चोट जब लग जाये या शरीर में कहीं सूजन हो जाये या शरीर में कोई गाँठ बन जाये तो इसे पीने से भी बहुत फायदा होता है। क्युकी यह inflamation को दूर करता है। अंदरूनी चोट की वजह से कहीं अंदर खून निकल के जम गया हो तो उसे भी पिंघला के हटा देता है। 

हल्दी वाला दूध पीने के फायदे:- सर्दी खांसी जुखाम में यह पीने से बहुत जल्दी आराम मिलता है। सर्दियों में विशेष कर बहुत फायदा होता है।  सर्दियों में कई बार बहार से आते हैं तो ठंडी महसूस करते है ऐसा लगता है जैसे ठण्ड अंदर बैठ गयी है।  उसमे भी यह रामबाण की तरह काम करेगा और अंदर की सारी ठण्ड बहार निकाल देगा। 


दूध में हल्दी के नुकसान:- इसको अगर अधिक मात्रा में सेवन किया जाये तो यह दस्त भी लगा देता है, शरीर में जलन भी कर देता है और शरीर में उचाटी भी पैदा कर देता है।  अतः इसका सेवन बिना बीमारी के या अत्यधिक नहीं करना चाहिए। 


घावों पर:- बाहरी चोट लगने पर जिमे खून बहार निकलता है उसमे हमारे देश में सभी जगह चोट के ऊपर टर्मरिक लगा के पट्टी बाँध देते है। क्युकी यह रक्तस्तम्भक है। खून को बहार नहीं निकलने देता और घाव को जल्दी भर भी देता है। 


हिस्टीरिया:- इसकी गाँठ का चूर्ण बना के इसकी धुनि देने से हिस्टीरिया से आयी बेहोशी से बहार लाने में काफी मददगार है। जिनको भूत दिखाई देते हों और ऐसा कहते हुए पागलो जैसा व्यवहार करे उसे  भी इसकी धुनि देने से लाभ होता है। 

बिछु का विष:-  हर्दी के चूर्ण को चिलम में रख के इसका धूम्रपान करने से बिछु के विष की पीड़ा नहीं होती या शांत हो जाती है। इस से छाती की बलगम भी निकलती है। 


हल्दी और गोमूत्र के फायदे:- 100ml गोमूत्र में इसकी दो तीन चुटकी  चूर्ण मिला के सुबह खली पेट सेवन करने से कैंसर में बहुत लाभ होता है।

जिनके शरीर में खाज खुजली चलती हो उन्हें भी इसका सेवन करना चाहिए और वहां इसको लेप की तरह लगाना भी चाहिए। 

इसके सेवन करने से खसरा और अंडकोष की खुजली भी दूर होती है। 


Urticaria:- इसके चूर्ण को कत्थे के चूर्ण में मिला के शीतला रोग के व्रणों पे बुरकने से लाभ होता है। 


मकड़ी विष:- इसे ठन्डे पानी में घीस कर मकड़ी के विष वाले स्थान पे लगाने से जल्दी विष उतर जाता है। 


सौंदर्य निखार में 

एक छोटा चमच्च जौ का आटा, आधा चमच्च चन्दन का पाउडर, चुटकी भर टर्मेरिक लेकर निम्बू के रस में घोल बना लें फिर इसको चेहरे पे लगाएं और आधे घंटे बाद इसे धोलें।  चेहरे पे निखार आता है और काफी असरदार नुस्खा है। 


इसकी गाँठ पानी के साथ घिसकर रोजाना सुबह और रात चेहरे पे लगाने से चेहरे पे निखार आता है। 


दूध में इसकी गाँठ को छोड़ दें थोड़ी देर बाद यह फूल जाएगी। फूलने के बाद इसे पीस लें। फिर इसके सरसों का तेल और मैदा मिला के गाढ़ा लेप तैयार करलें। नहाने से पहले इसको चेहरे और शरीर पे लगाएं और थोड़ी देर बाद स्नान करें।  इस से त्वचा साफ़ सुथरी, चिकनी, और कांतिमान हो जाती है। 


दूध की मलाई में इसको मिलकर नित्य रात को मुँह पे लगाकर मलें। और थोड़ी देर सूखने के बाद मसलकर छुड़ा दें इस से चेहरा कांतिमान हो जाता है। 


पीसी हुई Turmeric, दही, बेसन, गुलाबजल, संतरे के छिलके का चूर्ण सभी को मिला के गाढ़ा लेप तैयार करें। इसे चेहरे पे लगा के सूखने दें। थोड़ी देर बाद चेहरा धोलें और तोलिये से पूछ लें। एक दो महीने के प्रयोग से चेहरे के दाग धब्बे मीट के चेहरा चमकदार और गोरा हो जायेगा। 


इसको लाल चन्दन में पीस कर भैंस के दूध के साथ गाढ़ा लेप बनाये।  इस लेप को फुंसियों और मुहासों पे लगाने से एक दो  दिन में ही ठीक हो जाते हैं और उनका दाग भी नहीं बचता। 


oily skin:- इसको मुल्तानी मिटटी के साथ मिला के पानी के साथ गाढ़ा लेप बना के चेहरे पे लगाने से चेहरा गोरा होता है और ऑयली स्किन नहीं रहती। 


हल्दी वाला दूध किसे नहीं पीना चाहिए:- जो लोग पित्त प्रकर्ति के हैं, जिन्हे थोड़ी सी गर्म चीज खाते  ही जलन हो जाती है, या जो गर्भवती महिलाएं है, या आपके शरीर में पहले से ही जलन हो रही हो, गर्मियों में, या एलॉपथी दवाओं का सेवन कर रहे हों तो इसका सेवन नहीं करना चाहिए। 







 

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