दही का अविधि सेवन~ एक खतरनाक जहर
90% लोगो को दही में बारे में यह बात पता ही नही। और हमारी मा बहने अनजाने में रोजाना खाने में देती हैं। अब समझ भी नही पाते कि हमे रोग हो क्यों रहे हैं। और फिर आप कोई भी औषधि खाते हो तो आपको लगने लगता है कि यह दवा side effect कर रही है। लेकिन हमें पता नही हम गलती कहाँ कर रहे हैं।
दही के गुण
👉दही पाक एवं रस में अम्ल होता है।
👉ग्राही ( मल को बाँधने वाला) मतलब दस्त और कब्ज दोनों में सेवनिया है।
👉गुरु (पचने में देर लगाने वाला)
👉दही गरम है या ठंडा- उष्ण (तासीर में गर्म) बहुत से लोग सोचते हैं की दही की तासीर ठंडी होती है जब के ऐसा नहीं है दही की तासीर गरम होती है और इसका गर्मियों में सेवन नहीं करना चाहिए।
👉वातनाशक (वात के रोगी खा सकते हैं) होता है।
👉मेदोधातु (मोटापा बढ़ाने वाला)
👉शुक्र को बढ़ाने वाला
👉कफ के रोगों को उग्र करने वाला अतः कफ के रोग में न खाएं
👉पित्त के रोगों को बढ़ाने वाला पित के रोग में न खाएं
👉अग्निवर्धक (जिसकी पेट की अग्नि मन्द है वह खाएं)
👉शोथकारक( जिसके शरीर मे सूजन है वह न खाएं नही तो उसे और बढ़ायेगा) होता है।
दही खाने के फायदे
👉भोजन के प्रति रुचि को बढ़ाता है।
👉इसका प्रयोग अरुचि में किया जाता है।
👉जाड़ा लगकर आने वाले विषमज्वर (टाइफाइड) में
👉मूत्रकृच्छ ( बार बार मूत्र थोड़ा थोड़ा आये) रोग में इसका प्रयोग हितकर होता है।
👉ग्रहणी रोग (IBS) में रूक्ष (मक्खन निकाला हुआ) दही हितकर होता है।
दही कब नहीं खाना चाहिए
👉रात में दही का सेवन नहीं करना चाहिए।
👉उष्ण (आग में तपाया हुआ) दही न खाये।
👉वसन्त, ग्रीष्म तथा शरद ऋत् में दही न खाएं।
👉और मन्दक ( जो भलीभांति जमा न हो) ऐसा दही भी नहीं खाना चाहिए। यह अभिष्यंदी होती है अभिष्यंदी लिवर के किये हानिकारक होती है।
दही खाने का सही तरीका
👉अकेली दही कभी न खाएं उसमे कुछ न कुछ मिला करके खाएं।
👉मुँंग की दाल तथा उसके बड़े के बिना दही न खाये।
👉मधु, घी, मिश्री के बिना दही न खाये।
👉आंवलो के बीना दाही न खाये।
👉प्रतिदिन दही न खाये।
लोगों द्वारा पूछे गए सामान्य सवालों के जवाब
अल्सर में दही खाना चाहिए?
क्युकी इसका गुण अम्लीय है और इसकी तासीर गर्म है अतः अल्सर में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
दही से बवासीर का इलाज
चित्रकमूल के चूर्ण को गाय के दूध में उबालकर उसकी दही जमा कर, फिर उसकी छाछ बना कर पीने से बवासीर रोग में बड़ा फायदे होता है। इस से दोनों तरह की खुनी बवासीर और बादी बवासीर ठीक होती हैं।
चेहरे पर दही लगाने के नुकसान
वैसे तो इस को चेहरे पे लगाने से कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन कुछ लोगो की स्किन को यह सूट नहीं करती जिसके कारण स्किन पे रशेस, खुजली, ऑयली स्किन हो जाती है।
शुगर में दही खाना चाहिए या नहीं?
बहुत अधिक मात्रा में जो लोग यह खाते है उन्हें प्रमेह रोग हो जाता है और मधुमेह रोग प्रमेह का ही बढ़ा हुआ रोग है। अतः मधुमेह या प्रमेह रोगों में आयुर्वेद में जो अपथ्य बताएं गए हैं उसमे इसका सेवन निषिद्ध बताया गया है।
जिन लोगो को शुगर याने के डायबिटीज है उन्हें दही का सेवन नहीं करना चाहिए।
फैटी लिवर में दही?
इसको अभिषियांदी होती है याने की शरीर के स्त्रोतों (pores) को बंद करने वाली Fatty liver में अभिषियांदी चीजों के सेवन निषेद बताया हुआ है। और इसकी तासीर भी गरम होती और यह पित्तवर्धक भी है इसीलिए फैटी लिवर वालों के लिए तो यह ज़हर है।
टीवी के मरीज को दही खाना चाहिए या नहीं?
क्युकी यह एक कफवर्धक चीज है इसीलिए जिनको भी तब की शिकायत है उनके इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
घुटनों के दर्द में दही खाना चाहिए या नहीं?
इसके जो गुण धर्म हैं उसमे यह वातनाशक है। इसीलिए वात रोगों में यह फायदेमंद है। जोड़ों के दर्द में, या घुटनो या कमर के दर्द में हितकारी है। इसमें विशेष ध्यान देने वाली बात यह है के आप अपना Uric Acid जरूर चेक करवाएं अगर आपका यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है तो आपको इसे नहीं खाना चाहिए।
Causes, symptoms and treatment of uric acid
किडनी के लिए दही?
जिन किडनी रोगियों को बार बार मूत्र आये और थोड़ा थोड़ा आता हो उनके लिए यह बहुत लाभकारी है अतः इसका सेवन विधि पूर्वक तरीके से कर सकते हैं।
दही रोटी खाने के फायदे?
इसके साथ रोटी खा सकते है लेकिन विधिवत तरीके से ही खाने चाहिए। इसके फायदे वही है जो ऊपर बताये गएँ है।
बालों में दही लगाने के नुकसान
जिन लोगो की इस से एलर्जी है उन्हें यह नुकसान दे सकती है।
जिनके बाल पहले से ही ज्यादा ऑयली रहते हों तो यह और ज्यादा ऑयली बना देती है।
इसको लगाने के बाद एक अजीब सी गंद आती है।
प्रेगनेंसी में दही खाने के फायदे
वैसे तो इसके अंदर बहुत से पोषक तत्व होते हैं जैसे की कैल्शियम और यह कैल्शियम जच्चा और बच्चा दोनों के लिए हितकर होता है। लेकिन इसकी तासीर गर्म होती है। तो इसका गर्मियों में सेवन ना करें और बहुत ही काम मात्रा में सेवन करना चाहिए।
यूरिक एसिड में दही?
Uric Acid नहीं खानी चाहिए। क्युकी इसकी जो तासीर होती है वो गर्म होती है और इसका जो गुण है वो अम्लीय, कफ और पित्तवर्धक है। इनमे से कोई भी चीज यूरिक एसिड के लिए सही नहीं है। पित्त को भड़काने वाली चीजे यूरिक एसिड में दही नहीं खानी चाहिए।
पीलिया में दही खाना चाहिए या नहीं?
इस रोग में इसका सेवन लाभदायक है। लेकिन जैसा की ऊपर बताया गया था की इसके अविधि सेवन करने से लिवर में दिखात आजाती है और खून की कमी भी हो जाती है। अतः इसका सेवन विधि पूर्वक तरीके से ही करना चाहिए।
चेहरे में दही लगाने के फायदे
इसको चेहरे पे लगाने से चेहरा खील उठता है। इसके अंदर हल्दी और बेसन भी मिलाया जाता है उसके बाद इसका गाढ़ा लेप तैयार करके फिर लगाया जाता है। इस से चेहरा एक दम चमक उठता है। इसका प्रयोग भारत में लोग सदियों से करते आ रहे हैं।
सुबह खाली पेट दही खाने के फायदे
अविधि पूर्वक तरीके से खायी हुई बहुत ही ज्यादा नुकसान दे सकती है इसीलिए अकेली ना खाकर इसके अंदर जो चीजे बताई गयी है उन्हें मिलकर ही सेवन करें।
बालों में दही लगाने के फायदे और नुकसान
यह जब खट्टी हो जाए जब इसको बालों में लगाने से बहुत लाभ मिलते हैं। जिनको डैंड्रफ की समस्या रहती हो उनको सप्ताह में दो बार इसे लगाना चाहिए इसके कुछ महीने इस्तेमाल से डैंड्रफ ख़त्म हो जाती है और बाल भी खिल जाते हैं।
नुकसान की बात करें तो जिन्हे इस से एलर्जी है उन्हें ही नुकसान करती है वर्ण इसे कोई नुकसान नहीं है।
मुल्तानी मिट्टी और दही के फायदे
भारत में कई जगहों पर दोनों को आपस में मिला के उभटन बनाते हैं। इसे चेहरे या शरीर में लगाने से शरीर का सारा मैल निकल जाता है और शरीर और चेहरा खिल उठता है। बालों में लगाने से बाल भी खिल उठते हैं। डैंड्रफ की समस्या या बालों का गिरना भी ख़त्म हो जाता है।
पथरी में दही खाना चाहिए या नहीं
कोरया की छाल का चूर्ण खाकर के ऊपर से दही पीएं। इस से लिंग में या लिंग वाहिनी में फसे हुए पथरी के कण निकलते हैं। और kidney stone के साथ साथ सब जगह की पथरी भी ठीक होती है।
एरंड, बड़ी कटेरी, छोटी कटेरी, गोखरू और ताल मखाना सभी बराबर मात्रा में लेके सबका मिक्सचर का पांच ग्राम चूर्ण को पानी के साथ पीस के दही या शहद के साथ चाटने से kidney stone के साथ साथ सभी तरह की पथरी नष्ट होती है।
पत्थर चट्टा, वरुण की छाल, गोखरू, एरंड, छोटी कटेरी और ताल मखाना इन सभी को बराबर मात्रा में लेके काढ़ा बना के उसमे दही मिला के पीने से सब तरह की पथरी pittashay ki pathri or pit ki pathri, gurde ki pathri नष्ट करता है यह सर्वोत्तम है।
थायराइड में दही खाना चाहिए कि नहीं?
थाइरोइड में गाय के दूध से बनी हुई का सेवन करना लाभदायक बताया गया है। लेकिन इसमें भी विशेष बात ध्यान रखने वाली है यह की इसका सेवन हमेशा विधि पूर्वक तरीके से ही करना चाहिए।
पीरियड में दही खाना चाहिए या नहीं?
जैसा की अब हम सब जान ही गए हैं इसकी तासीर गर्म है इसीलिए आप पीरियड्स लाने के लिए इसका सेवन कर सकती है। अगर आपको पीरियड्स में इसका सेवन करना है तो आपको यह देखना होगा की आपकी ब्लीडीं कैसी चल रही है अगर आपके अंदर गर्मी पहले से ही बढ़ी हुई है और ब्लीडिंग भी ज्यादा हो रही है तो आप इसका सेवन ना करें। अगर आपकी बेलीडिंग कम हो रही है तो आप इसका सेवन कर सकते हैं।
दही से डैंड्रफ कैसे हटाए
इसके लिए आपको यह जमा के 3-4 दिन रख दें जब या खट्टी हो जाये तो इसको बालों में लगाएं। सप्ताह में 2 बार लगाने से और ६ महीने तक लगाने से डैंड्रफ बिलकुल ख़तम हो जाएगी। यह बहुत ही देशी और कारगर नुस्खा है।
गठिया(Arthritis) में दही खाना चाहिए या नहीं?
क्युकी यह एक वातनाशक है और जोड़ों के दर्द के लिए बहुत ही कारगर है इसीलिए आप इसका विधि पूर्वक सेवन कर सकते हैं। लेकिन आपको अपना यूरिक एसिड जरूर चेक करवाना होगा।
कई बार जो जोड़ों के दर्द होते है वो यूरिक एसिड के कारन भी बढ़ जाते हैं इसीलिए यूरिक एसिड अगर बढ़ा हो तो इसका सेवन ना करें और अगर नहीं बढ़ा हो और केवल जोड़ों का दर्द हो तो आप इसका सेवन कर सकते हैं। आर्थराइटिस में इसका सेवन करना लाभकारी होता है।
दही के नुकसान
दही का सही ढंग से सेवन नहीं किया गया तो ज्वर, रक्तपित्त(Internal bleeding), विसर्प(Erysipelas), कुष्ठरोग (skin disease), पाण्डु रोग(Anemia), भ्रम ( चक्कर आना ) ये विकार उत्पन्न हो जाते हैं।