प्रदर क्या होता है
निचे दिए हुए कारणों के कारन महिलाओं के योनि से निकलने वाला तरल पदार्थ प्रदर कहलाता है। वह दिखने में सफ़ेद हल्का नीला पीला या अपने अपने अलग प्रकारों वाला भी हो सकता है। लेकिन रक्त प्रदर में रक्त का निकलना होता है। दोनों में ही दुर्गन्ध बहुत आती है। यह महिलाओं के लिए आतमगिलानी वाला रोग है।
इसमें महिलाओं के योनि से रज निकलता है उसमे रक्त भी आता है। इसके अंदर चिपचिपाहट होती है, दुर्गन्ध आती है। यह मासिक धर्म से पहले, बीच में या बाद में हो जाता है। रोग जब अधिक बढ़ जाता है तब रक्त अधिक निकलता है और कई कई दिन तक निकलता है।
रक्त प्रदर के कारण | Causes of Metrorrhagia in Hindi
👉विरुद्ध आहार के खाने पीने से
👉शराब के अत्यधिक सेवन करने से
👉अधशयन मतलब के पहले का खाना पचा ना हो और दोबारा फिर भोजन कर लेने से
👉थोड़ी थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाते पीते रहने से
👉गर्भपात(miscarriage) हो जाने से
👉अत्यधिक सम्भोग करने से
👉बहुत अधिक भ्रमण करने से
👉अत्यधिक पैदल चलने से
👉अधिक चिंता में रहने से
👉धातुओं के कमजोर हो जाने से जो के बहुत ज्यादा व्रत करने से भी हो जाते हैं।
👉अत्यधिक भार उठाने से
👉 चोट आदि लग जाने से
👉 दिन के समय अत्यधिक सोने से
रक्त प्रदर के लक्षण | Symptoms of Metrorrhagia In Hindi
👉अंगो का टूटना
👉शरीर में कहीं कहीं दर्द होना
👉शारीरिक दुर्बलता आ जाना
👉चक्कर आना कमजोरी रहना
👉बेहोशी होना
👉प्यास का अधिक लगना
👉शरीर में जलन होना
👉आलस रहना
रक्त प्रदर(Metrorrhagia) के घरेलु इलाज
1. गिलोय के रस में धागे वाली मिश्री मिला के सुबह शाम खाली पेट पीने से रक्त प्रदर बहुत शीघ्र आराम मिलता है।
2. गर्मियों के में शीशम के पत्ते तोड़ के इसमें थोड़ी देशी धागे वाली मिश्री मिला के सेवन करने से अत्यंत लाभ होता है।
3. धनिया के एक चम्मच चूर्ण को रात को एक गिलास पानी में डाल दो सुबह उठकर खाली पेट वह पीने से बहुत आराम मिलता है। गर्मियों में विशेष रूप से सेवन करें।
रक्त प्रदर(Metrorrhagia) का आयुर्वेदिक रामबाण इलाज
1. लगभग एक गिलास चावल का पानी लेके उसमे एक चम्मच धागे वाली मिश्री का चूर्ण उसमे मिला लें
फिर इसमें आधी चम्मच मुलेठी का चूर्ण मिला लें
फिर इसमें गिलोय का रस मिला लें 15ML की मात्रा में
और सुबह शाम खाली पेट पियें
यह रक्त प्रदर की बहुत अच्छी दवा है और रक्त प्रदर का घरेलु इलाज भी है जो आप घर पे ही तैयार कर सकते हो
2. बलामूल (बरियारे के जड़) को गाये के दूध में पीसकर सुबह शाम खाली पेट पीने से रक्त प्रदर जल्दी ठीक होता है।
3. कुश और बलामूल के चूर्ण को मिक्स करके, दोनों के मिक्सचर का 5 ग्राम चूर्ण चावल के पानी एक गिलास के साथ सुबह शाम खाली पेट पीने से रक्त प्रदर में लाभ होता है।
4. अतिबला की जड़ के 5 ग्राम चूर्ण को धागे वाली मिश्री और शहद के साथ सुबह शाम खाली पेट मिला के चाटने से रक्त पर्दा नष्ट होता है।
5. कुश की जड़ को चावल के पानी के साथ पीसकर मात्र तीन दिन खाली पेट सुबह शाम पिलाने से दोनों तरह के प्रदर ठीक होते हैं। यह बहुत ही अच्छा आयुर्वेदिक नुस्खा है।
6. भूमि आंवला की जड़ अगर जड़ न मिले तो इसका 5 ग्राम चूर्ण भी ले सकते हैं, यह खाके ऊपर से चावल का पानी सुबह शाम खाली पेट पीने से चाहे कितना ही क्यों न बढ़ा हो कितना भी भयंकर हो 7 दिन से ज्यादा नहीं रहने देता और इस से दोनों तरह के प्रदर ठीक होते हैं।
7. धाय के फूल और सुपारी के फूलों को सामान भाग लेके विधिपूर्वक काढ़ा बना के सुबह शाम खाली पेट पीने से 3 से 5 दिन में चाहे कितने भी बढे हुए प्रदर क्यों न हो सब तरह के प्रदर ठीक होते हैं। दोनों प्रदर याने रक्त प्रदर और श्वेत प्रदर।
रक्त प्रदर की लेप चिकित्सा
खड़िया मिटटी का पेट पर लेप करने से रक्त प्रदर में बहुत लाभ मिलता है और बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है।
क्या करें
प्याज का रस सेवन करना चाहिए, शहद खाएं, टमाटर का जूस पियें, गाजर खाएं, मूली खाएं, दूध केले और सिंपल खाना और शरीर के अंदर गर्मी न बढे ऐसा खाना खाना चाहिए।
क्या न करें
जिन जिन कारणों से यह बीमारी होती है वह काम नहीं करने चाहिए वर्ण यह रोग और बढ़ जाता है और कोई भी दवा काम नहीं करती, कोई भी दवा जभी काम करती है जब हम परहेज में रहे।