How To Do Stool Test At Home In Hindi | Latrine Test At Home In Hindi | मल परीक्षा कैसे करें

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Stool test at home



Stool Test in Hindi

पुराने समय से लेकर आज के समय तक भी मल की याने के Stool, potty की भी परीक्षा होती है जिस से के रोग का अच्छे से पता चल सके। इस ब्लॉग  आपको बताऊंगा की आप घर ही स्वयं अपने मल की परीक्षा करके यह जान सकते हैं की आपके शरीर में कौनसा दोष प्रबल हो रखा है। 

जिस से आप यह जान सकते हो के की आने वाले समय में आपके कौनसी बीमारी हो सकती है। 


मल परीक्षा विधि | Potty Test at Home | Stool Test Procedure

इसके लिए जब भी हम मल त्याग करते हैं तो मल के रंग को देख कर, वह बंधा हुआ आ रहा है या टूट टूट कर आ रहा है, झागरहित आ रहा है या फिर रुखा सूखा निकल रहा है। इसके लिए आयुर्वेद में लिखित परीक्षा को मई आसान भाषा में और आज की भाषा में लिख रहा हूँ। 

कोई चीज यदि आपको समझ ना आये तो आप कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। 


मल परीक्षण के प्रकार


वात दोष का प्रकोप |

वात के प्रकोप में मल गाढ़ा और सूखा मल निकलता है। पतला मल निकलता है। बीच बीच में से टूट टूट के निकलता है। रंग में काले धुवें के सामान रंग का भी हो सकता है जिसमे छिद्र दिखाई देते हैं और फेनयुक्त(Mucus) याने के ऊपर थोड़े बहुत झाग देखेने को भी मिलते हैं। कई बार बकरी के मेंगन की तरह भी लैट्रिन आती है। 


पित्त दोष का प्रकोप

पित्त दोष के प्रकोप में मल कुछ पीला सा रंग होगा वह गाढ़ा पीला भी हो सकता है और हल्का पीला भी हो सकता है। पित्त में बंधा हुआ मल आता है बीच में से टूटता नहीं है। 


कफ दोष का प्रकोप 

कफ के प्रकोप में मल कुछ लाल रंग का सा या सफ़ेद रंग का निकलता है। 


वात और कफ के मिश्रण द्वन्दज दोष

शरीर में यदि वात और पित्त दोनों दोष बढ़ जाएँ उस समय मल का रंग भूरा (ब्राउन) हो जाता है। 


पित्त और वात के मिश्रण द्वन्दज दोष 

शरीर में अगर पित्त और वात दोष की अधिकता हो जाये तो मल पीले रंग का सा या फिर काले रंग का होगा। मल टूटा हुआ सा होगा याने के थोड़ा सा मल निकलेगा और टूट जायेगा। पित्त में बंधा हुआ मल आता है अतः इसमें भी बंधा हुआ मल देखने को मिलता है बीच में से टूटता नहीं है। 


पित्त और कफ के मिश्रण द्वन्दज दोष 

हमारे शरीर में यदि पित्त और कफ दोष बढ़ जाता है तो उसमे मल पीला या सफ़ेद रंग का मल आता है। इसमें सूखा मल नहीं निकलता अपितु पच्छिल याने के चिकनाहट(mucus) युक्त मल निकलता है। इसमें पतला मल भी नहीं निकलता इसमें गाढ़ा मल निकलता है। 


त्रिदोष याने के तीनो दोषों का मिश्रण

त्रिदोष में ऊपर दिए गए तीनो दोषो का मिश्रण देखने को मिलता है। 


Stool Test For Various Diseases


Smell In Stool In Hindi

यदि आपके दुर्गन्धयुत्क और शीतल याने थोड़ा ठंडा मल निकले तो उसे जीर्णमल कहा जाता है याने के वह मल बहुत दिनों से पेट में रुका हुआ मल होगा यह जानना चाहिए।

मल का मींगण के रूप में निकलना 

अगर दोष की बात की जाए तो यह वात दोष के बढ़ने के कारण होता है। यदि आपका मल जानवरो की तरह गुटियुक्तं याने गुटका युक्त मल याने के कठोर गोलाकार मल जिसे मींगनी कहते है वो निकले उसके साथ साथ यदि दुर्गन्ध भी हो तो उसके शरीर में क्षीणता यामे के कमजोरी है उसके अंदर खून की कमी भी मिल सकती है। 
आयरन, कैल्शियम आदि की कमी भी हो सकती है। यह अक्सर बुढ़ापे में देखने को मिल जाता है।  या फिर जिसके बुखार हो रखा हो उसके भी देखने को मिल जाता है। 


Stool Test To Check Pancreases At Home In Hindi

यदि आपका मल दुर्गन्ध युक्त आता है और पेट में गैस, acidty की समस्या भी बानी रहती है तो आपको आंतो से सम्बंधित रोग हो सकता है। 

Pancrease का इलाज- त्रिफला चूर्ण की आधी चमच सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले साधारण पानी के साथ सेवन करें। 


देखें- त्रिफला के फायदे 


Stool Test To Check Worms At Home In Hindi

पेट में यदि कीड़े हैं तो मल के साथ साथ आपको अपने शरीर में भी लक्षण देखने चाहिए जैसे की यदि पेट में कीड़े हों तो मीठा खाने का ज्यादा मैं करता है, चेहरे पे सफ़ेद दाग के धब्बे से हो जाते हैं और मल में भी कीड़े आपको नजर आजाते हैं। कुछ कीड़े बहुत छोटे भी होते है जो की हमारी आखों से दिखाई नहीं देते उस समय आपको लेबोरेटरी में इसकी जांच करवानी पड़ती है। 

पेट में कीड़ों का इलाज- अजवाइन को पानी में उबाल करके सुबह शाम पीने से पेट के कीड़े मरते हैं। 


Stool Test To Check जलोदर (Ascites) At Home In Hindi

जलोदर रोग में मल का रंग सफ़ेद होता है और इसमें काफी दुर्गन्ध आती है। 

जलोदर का इलाज- त्रिकटु, जौखार और सेंधानमक तीनो को बराबर मात्रा में बराबर मात्रा में लेके मिला लें इन सबके मिक्सचर की आधी चमच चूर्ण छाछ में मिला के सेवन करें।  

देखें- छाछ के फायदे


Stool Test To Check Tuberculosis At Home In Hindi

इसको आयुर्वेद में क्षय रोग कहा जाता है।  इस रोग में काले रंग की potty आती है। 

TB का इलाज- हरड़ और सोंठ दोनों का बराबर मात्रा में मिला के आधी चमच चूर्ण शहद के साथ चाटें लाभ होगा।  

देखें- हरड़ के फायदे


Stool Test To Check Arthritis At Home In Hindi

इस रोग में मल कुछ पीले रंग या कुछ काले रंग का आता है, कमर में या उसके आस पास के हिस्से में हल्का दर्द होता है मल त्याग करते समय। रुखा और टूट टूट के निकलने वाला होता है।  
Arthritis ka ilaj <--- देखने के लिए इस लिंक पे क्लिक करें


Stool Test To Check Gut Health At Home In Hindi

यह सब समस्या पेट से सम्बंधित होती है इसमें खाना सही से नहीं पचता जिसके कारण कब्ज, अफारा और अम्लपित्त(एसिडिटी) बनती है।  इन रोगो में मल पतला आता है और दुर्गन्ध युक्त भी आता है। क्यों इसमें जब खाया हुआ भोजन ही नहीं पचता तो मल भी पका हुआ नहीं आता। 

कहने का तातपर्य यह हुआ जिनकी पेट की अग्नि मंद पद गयी है जिसको मन्दाग्नि कहते है उसमे मल पका हुआ नहीं आता पतला आता है।  और जिनकी जठराग्नि तीव्र होती है उसमे मल सुख जाता है और सूखा और बंधा हुआ सा आता है इसीलिए पेट की अग्नि सम रहनी चाहिए। 

Stool Test To Check For Blood At Home In Hindi

इसमें देखा जाता है की लैट्रिन में खून आया है नहीं।  यह अक्सर दो बिमारियों में ज्यादा देखा गया है एक है खूनी बवासीर और दूसरी है रक्तपित्त यह एक प्रकार की इंटरनल ब्लीडिंग होती है।  
देखें खूनी बवासीर का इलाज


Stool Test To Check Diarrhea At Home In Hindi

इसमें भयंकर दस्त लग जाते हैं। इस रोग के समय पानी की तरह मल निकलता है।  लेकिन इसमें भी जो ऊपर बताये गए वात, पित्त और कफ के जो लक्षण है जो उनके रंग है वह इसमें भी देख करके पता लगाया जा सकता है की कोनसे दोष के बढ़ने के कारण हुआ है।  इन्फेक्शन वाले जो दस्त होते हैं उनका रंग हरा होता है। 
दस्त का इलाज- इसमें बेल का गुदा या फिर बेल का चूर्ण खाना अत्यंत लाभकारी है। 


Mucus In Stool Causes

जब शरीर में सरसी खांसी जुखाम आदि हो जाते हैं, या फिर शरीर में कफ दोष बढ़ जाता है उस समय में शरीर में जमा कफ मुँह के द्वारा जो बलगम टूटे हैं वहां से निकल जाती है लेकिन कुछ बलगम मल द्वार से जाती है जो के मल के साथ जाती है और मल में mucus अलग से दीखता है। 


Conclusion

आप समय समय पर अपने मल से पता लगा सकते हैं की आपके शरीर में कोनसा दोष बढ़ा हुआ है। तो इस  प्रकार से आप विभिन रोगो को अपने शरीर में आने से पहले ही पहचान सकते हैं। और उसका खुद से ही या किसी वैध या डॉक्टर की सहायता से समय पर इलाज करवा सकते हैं। 

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