Hydrocele causes, symptoms and Treatment without surgery in hindi

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Hydrocele



 Hydrocele in hindi( मूत्रज वृद्धि ) | अंडकोष की बीमारी


Andkosh me dard kyu hota hai

ऊपर की और अवरुद्ध गति वाली और बहुत ही ज्यादा कुपित अपान वायु निचे की ओर चलती हुई अंडकोष और पेट के निचले हिस्से में दर्द और सूजन  को करती हुई अंडकोष में जाकर बस जाती है। फिर नाड़ियों को सूजा कर या फुला कर उसमे दर्द पैदा कर देता है या पानी की भरी चमड़े की थैली जैसा कर देती है।   

Epididymitis, Hydrocele, Varicocele, Orchitis, Spermatocele, Hypogonadism, inguinal hernia, Testicular torsion or other scrotal conditions आदि जितने भी अंडकोष की बीमारी होती हैं। ऐसे ही होती हैं।  

आयुर्वेद में इन्हे वृद्धि रोग कहा गया है। 


Symptoms of Hydrocele in Hindi || Hydrocele ( मूत्रज वृद्धि ) के लक्षण 


👉जिस वृद्धि में अंडकोष पानी से भरे चमड़े की थैली के सामान लटक जाते हैं।  

👉चलते समय इनमे बहुत दर्द होता है।  

👉स्पर्श करने पे यह बहुत रूखे होते हैं बहार से। 

👉इसमें पीड़ा बहुत होती है। 

👉मूत्र में जलन आती है। 

👉उलटी कब्ज बुखार आदि भी इसमें हो जाते हैं। 

👉इसमें सूजन भी हो जाती है। 

अंडकोष में इन्फेक्शन के लक्षण और अंडकोष खराब होने के लक्षण यही हैं। 


Causes of Hydrocele in Hindi || Hydrocele ( मूत्रज वृद्धि ) के कारण 


👉इसका सबसे मुख्या कारण जो आयुर्वेद में बताया गया है वो है मूत्र के वेग को धारण करके रखना। 

👉चोट या दुर्घटना आदि होना। 

👉जिनको हर्निया होता है उनको यह बीमारी हो सकती है। 

👉जिनको प्रोस्टेट एंलार्जेमेंट की समस्या है उनके भी यह दिक्कत हो सकती है। 

👉यौन संक्रमण भी इसका कारण बन सकता है। 

👉 केला खाने के बाद पानी पी लेना। जी हाँ केला खाने के बाद कभी भी पानी नही पीना चाहिए। इस से अंडकोष में पानी भर सकता है।



Hydrocele Treatment without surgery in Hindi || Hydrocele का परमानेंट  इलाज 

1. एक गिलास या उसे से अधिक हलके गर्म दूध में एक चमच्च एरंड का तेल मिला के खाली पेट और रात को सोते समय पीने से एक महीने में अंडकोष की समस्या खत्म हो जाती है। इस से कब्ज का इलाज भी होता है। 

2. देशी गाय का ताज़ा गौ मूत्र लें 100ml उसमे एक से दो चुटकी शुद्ध गुग्गुल मिला लें इसका सुबह खाली पेट सेवन करने से एक महीने में हाइड्रोसील का परमानेंट इलाज हो जाता है। 

3. गौ मूत्र देशी गाय का ताज़ा लेके 100ml, फिर उसमे एक चमच्च एरंड का तेल मिला के पीने से एक महीने में यह बीमारी तो ठीक होती ही होती है इसके साथ साइटिका, आर्थराइटिस, कब्ज, संपूर्ण वात के रोग नष्ट होते हैं।  

4. दो चमच्च नारायण तेल की सुबह शाम खाली पेट सेवन करने से और इसी तेल की मालिश करने से यह बीमारी दो महीने में ठीक हो जाती है। 

5. दो चुटकी शुद्ध गुग्गुल, 100ml देशी गाय का ताज़ा मूत्र और एक चमच्च एरंड का तेल तीनो आपस में मिला के सुबह शाम खाली पेट सेवन करने से पुराना से पुराना hydrocele का इलाज होता है।  

6. त्रिफला का काढ़ा 1OOml लेके उसमे शुद्ध तजा गौ मूत्र 50ml  मिला सुबह श्याम खाली पेट सेवन करने से यह रोग एक महीने में खत्म हो जाता है। शरीर में फैले हुए वात  को भी खत्म करता है। कब्ज का इलाज करता है। आर्थराइटिस का इलाज करता है। मधुमेह का इलाज करता है।  मोटापा कम  करता है।  इसके और भी बहुत से फायदे हैं।  

7. इन्द्रायण (गडुम्बा) की जड़ को तीन ग्राम चूर्ण लेके एक चमच्च एरंड का तेल मिला के अच्छे से घोंट लें इसको एक गिलास गाय के दूध के साथ सुबह शाम सेवन करने से तीन में सब प्रकार के अंडकोष की समस्या दूर होती है।  ऐसा चक्रदत्त में लिखा है।  पहले के वक़्त में मनुष्य बहुत बलवान होते हैं और खान पान भी अच्छा होता था और सारी चीजें शुद्ध मिल जाती थी अतः तीन दिन में ही लाभ हो जाता था।  अतः आप एक महीने जरूर सेवन करें। 

Hydrocele Home Remedies in Hindi || Hydrocele के घरेलु इलाज 


👉 आधी चमच्च दालीचीनी के चूर्ण को पानी के साथ या फिर शहद के साथ शुबहा खाली पेट चाटने से अण्डकोष में पानी भर जाने की शिकायत दूर हो जाती है।

👉 हरड़ के तीन ग्राम चूर्ण को सरसों के तेल में मिलाकर लेप करने से अण्डकोषों की बीमारी जल्दी ही खत्म हो जाती है। 

👉 अगर आपके इस बीमारी की वजह से नपुंसकता आ गयी है तो आप दो कली लहसुन की पीसकर शहद के साथ चाटने से लहसुन से हाइड्रोसील का इलाज हो जाता है और नपुंसकता भी जाती रहती है। 
इसके अलावा लहसुन रक्त के परवाह को सही रखता है। और रक्त को शुद्ध भी करता है। अंडकोष में से शुद्ध रक्त का परवाह होगा तो इस बीमारी में भी लाभ होगा। 
लेकिन इस बीमारी में सम्भोग नहीं करना चाहिए। 

👉 पपीते से हाइड्रोसील का इलाज हो सकता है क्युकी पपीता के अंदर पाए जाने वाले विटामिन्स और मिनरल शरीर की कार्य प्रणाली को ठीक करते हैं।  
इसके अलावा पपीता के अंदर papain नाम का तत्व पाया जाता है जो आपके पाचन किर्या की भी सही रखता है। आपका यदि कब्ज की दिक्कत नहीं रहेगी तो आपको मल त्यागने के वक़्त जोर नहीं लगाना पड़ेगा जिस से अंडकोष में दर्द भी नहीं होगा। 
अतः आप इस बीमारी में पपीता का सेवन कर सकते हैं। 

👉 वैसे तो पुनर्नवा के फायदे हैं लेकिन अगर आप आधी चमच्च चूर्ण पुनर्नवा दूध के सेवन करते हैं तो andkosh me pani bhar jana के रोग को धीरे धीरे ख़तम कर देता है। 

👉 वच और सरसों के बीज को पानी के साथ पीसकर अंडकोष पे लेप करने से सूजन खत्म होती है। 


Ayurvedic Treatment of Hydrocele || हाइड्रोसील के लिए आयुर्वेदिक औषधियां || Hydrocele ki dawa

चंद्रप्रभा वटी
वृद्धिवधिका वटी
आरोग्यवर्धिनी वटी

यह तीनो आयुर्वेदिक औसधियाँ इस बीमारी के लिए बहुत अच्छी हैं। इनकी दो-दो वटी का सेवन खाना खाने के एक घंटे बाद साधारण पानी के साथ कर सकते हैं।  लेकिन एक बार अपने डॉक्टर या वैध से सलाह जरूर लें। 


Hydrocele में क्या खाएं

वमन किर्या करना(उलटी करना), विरेचन किर्या करना(दस्त लगवाना), बस्तिकर्म किर्या करना, रक्तमोक्षण किर्या करना(जोंक आदि लगवाके रक्त निकलवाना), स्वदकर्म किर्या करना(सेक आदि किर्या से पसीना निकलवाना), लेप आदि लगाना, लाल शाली धान के चावल खाना, एरंड का तेल, गौ मूत्र, पुनर्नवा, हरड़, गोखरू, अश्वगंधा, त्रिफला, प्रियंगु आदि आयुर्वेद औसधियो का सेवन लाभप्रद है। 

सहजन का फल, परमल, पान, लहसुन, रास्ना, गाजर, शहद, गर्म जल, छाछ आदि। विशेष रूप से लाभप्रद हैं। 


Hydrocele में क्या ना खाएं

👉 मल मूत्र आदि अन्य 13 वेग जो शरीर में होते हैं उन्हें कभी धारण ना करें। 
👉 साइकिल, मोटरसाइकिल, ऊबड़खाबड़ रस्ते पे चलना बंद कर दें। 
👉 शारीरिक व्यायाम करना बंद कर दे, और लंगोट बांधे। 
👉 अधिक भोजन ना करें। 
👉 अधिक पैदल ना चलें। 
👉 दही का सेवन ना करें। 
👉 देर से पचने वाले पदार्थो का सेवन ना करें। 
👉 नॉन वेज, तली हुई चीजें, मैदा का सेवन ना करें। 
👉 उपवास, व्रत आदि ना करें। 
👉 सम्भोग ना करें। 
👉 शराब का सेवन ना करें। 

  


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