Sciatica in Hindi | What is Sciatica | साइटिका क्या है?
निचे दिए हुए कारणों से कुपित हुई वायु सबसे पहले कमर को ग्रहण करती है फिर कर्म पूर्वक नितम्भ, जांघ, thighs, घुटनो और पिंडियों की नसों में दर्द उत्पन होना शुरुर हो जाता है, पैरो की नसें जकड़ जाती हैं।
साइटिका कितने दिन तक रहता है?
इसका दर्द की कोई निर्धारित सीमा नहीं होती। कई बारे परहेज नहीं करने पर यह पूरे दिन और पूरी रात भी रह सकता है।
Causes Of Sciatica In Hindi | साइटिका दर्द के कारण
👊अतिरुक्ष (बिना घी तेल का खाना), ठंडा या ठंडी प्रकर्ति का खाना,
👊हमेशा अत्यधिक खाना या हमेशा कम ही खाना,
👊अधिक मैथून करने से, अधिक जागने से,
👊भोजन करने के बाद बिना पचे दोबारा फिर से भोजन कर लेने से,
👊अधिक उपवास करने से, अधिक जल में तैरने से, अधिक पैददल चलने से,
👊अधिक व्यायाम करने से, शक्ति से अधिक बल वाला काम करने से,
👊धातुओं का क्षय होने से, अत्यधिक चिंता या शोक मनाने से,
👊scooter cycle की अधिक सवारी से, मल मूत्र को रोकने से,
👊ऊँचा तकिया लगा के दिन भर लेटे रहने से, दिन भर बैठे ही रहने से
बलवान वायु नसों में जाकर अनेक प्रकार की वात की बीमारी पैदा कर देती हैं।
Symptoms of Sciatica in Hindi | साइटिका दर्द के लक्षण
👊इस रोग में कूल्हों से लेकर पैरों तक एक नस में या एक से ज्यादा नसों में भयंकर दर्द होता है।
👊इसमे रोगी पैर को सीधा नहीं कर पाता है न रात को सीधा सो ही सकता है।
👊सीधा खड़ा होता है तब भी दर्द होता है।
👊व्यक्ति को चक्कर आने लगते हैं।
👊रोगी को कभी-कभी धीरे-धीरे दर्द होता है तो कभी बहुत तेज दर्द होता है।
👊इस दर्द के कारण रोगी व्यक्ति को बुखार भी हो जाता है।
👊अधिकतर इसका दर्द एक बार में एक पैर में ही होता है।
Sciatica Ayurvedik Treatment in Hindi | साइटिका दर्द का इलाज | साइटिका की दवा
1. दशमूल की 10 औषधि को लेकर उसका काढ़ा बना लें। फिर उसमे एक चमच्च या आधी चमच्च एरण्ड तेल की मिला कर हल्का गुनगुना रहते सुबह
खाली पीने से एक महीने में साइटिका रोग ठीक हो जाता है। इसके साथ जोड़ों के सभी प्रकार के दर्द भी खत्म हो जाते है। आर्थराइटिस का इलाज भी होता है। यह साइटिका का अचूक इलाज है।
2. अश्वगंधा, बरिआरा, बेल और दशमूल की 10 औषधियां सबको मोटा पीस कर काढ़ा बना लें फिर इसमें आधा एक चमच्च एरण्ड तेल मिला कर सुबह खाली पेट पीने से 1 महीने में साइटिका रोग खत्म हो जाता है। यह साइटिका का देसी इलाज है।
3. बकायन की जड़ की छाल का चूर्ण 5 ग्राम सुबह खाली पेट पानी के साथ पीने से यह रोग शीघ्र ही नष्ट हो जाता है।
4. एरण्ड का तेल गौ मूत्र में मिला कर मात्र एक महीने में सब प्रकार के वात रोग यानी जोड़ो के दर्द, कमर, गर्दन, घुटनो के दर्द और साइटिका रोग अवश्य ही नष्ट हो जाते हैं।
इसी से Varicocele का इलाज, Hydrocele का इलाज और Inguinal Hernia का इलाज भी होता है।
How to Cure Sciatica Permanently
बबूल की छाल, रास्ना, गिलोय, शतावरी, सोंठ, सोंफ, अश्वगंधा, हाऊबेर, विधारा, भुनी हुई अजवाइन और अजमोदा इन सभी का बराबर मात्रा में बिल्कुल बारीक चूर्ण बना लें।
फिर इसकी आधी या एक चमच्च (पाचन किर्या के हिसाब से) लेके घी या फिर दही या फिर मक्खन निकली गयी लस्सी के साथ सुबह खाली पेट सेवन करें।
इस से एक महीने में ही हड्डियों का दर्द, जोड़ों का दर्द, कमर के दर्द, साइटिका, cervical spondelitis, जबड़े का दर्द और सब प्रकार के वात रोग दूर होते हैं। इस नुस्खे से साइटिका दबी नस का इलाज होता है।
Sciatica Pain Treatment at Home | साइटिका के दर्द के घरेलु उपाय
1. एक चुटकी हल्दी दूध में मिला के उबाल कर के हल्का हल्का गर्म पीने से यह बीमारी कुछ ही दिन ख़त्म हो जाती है।
2. रात को एक चमच्च मेथी दाने एक गिलास गर्म पानी में भिगो के रख दें, सुबह उठ कर इस पानी को पीलें फिर यह दाने चबा चबा कर खाएं। कुछ दिन में इस बीमारी से आपको रहत मिल जाएगी।
3. अजवाइन, जीरा, लहसुन, अदरक, प्याज इनका किसी न किसी रूप में सेवन करते रहने से भी इस बीमारी में काफी लाभदायक है।
4. साइटिका में लहसुन का प्रयोग- रोजाना एक से दो कली लहसुन की पानी के साथ निघलने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
लहसुन की चटनी बना के नित्य सेवन कर सकते हैं।
और सरसों के तेल में पकाया गया लहसुन जो के लहसुन वाला तेल बन जाता है इस तेल से भी मालिश कर सकते हैं।
5. रोजाना रात को या फि सुबह खाली पेट हलके गुनगुने दूध में एक चमच्च एरडं का तेल मिला के दूध पीना चाहिए। इस से साइटिका का उपचार हो जाता है।
Sciatica Pain Exercise in Hindi | साइटिका पेन की एक्सरसाइज
रोगी व्यक्ति को अपने दोनों पैरों को मोड़कर, अपने घुटने से नाभि को दबाना चाहिए। इस क्रिया को कई बार दोहराएं। इस प्रकार से प्रतिदिन कुछ दिनों तक व्यायाम करने से साईटिका रोग में बहुत लाभ मिलता है।
Sciatica Relief in 8 Minutes
इस रोग को ठीक करने के लिए सबसे पहले रोगी को पीठ के बल सीधे लेट जाना चाहिए। फिर रोगी को अपने पैरों को बिना मोड़े ऊपर की ओर उठाना चाहिए। इस क्रिया को कम से कम 20 बार दोहराएं।
इस प्रकार से प्रतिदिन कुछ ही देर तक व्यायाम करने से साईटिका का दर्द ठीक हो जाता है।
Immediate Relief for Sciatica Pain
साईटिका रोग को ठीक करने के लिए रोगी व्यक्ति को पीठ के बल सीथे लेटकर अपने घुटने को मोड़ते हुए पैरों को साइकिल की तरह चलाना चाहिए।
इस व्यायाम को प्रतिदिन सुबह तथा शाम के समय में करने से साईटिका रोग में आराम मिलता है।
Yoga For Sciatica Pain in Hindi | साइटिका के लिए योगासन
2. नौकासन
3. वज्रासन
4. भुजंगासन
साइटिका की ज्योतिष चिकित्सा
👉इस रोग में रोगी को अगर नीलम सूट करता है तो शनिवार के दिन विधि से नीलम धारण करना चाहिए।
साइटिका झाड़ने का मंत्र
👉नित्य ॐ नमः शिवाय का पाठ करना चाहिए और शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए।
👉जलवंती को सरसों के तेल में मिला के जहाँ दर्द हैं वहां लगाना चाहिए।
👉काले कपडे में पाँव भर काले तिल डालकर किसी बहते हुई नदी में डाल देनी चाहिए।
👉काले वस्त्र में तिल और तुलसी बांधकर कर शनिवार के दिन किसी भिखारी को दान देना चाहिए।
साइटिका के लिए लेप चिकित्सा | Sciatica Pain Relief Massage | साइटिका के लिए तेल
1. इस रोग में एरण्ड के तेल की मालिश करनी चाहिए। यह इस हाथी जैसे रोग को शेर की तरह नष्ट करता है।
2. सरसों के तेल में लहसुन की कलियों को भून लें जब वह काली हो कर छान कर स्टोर करके रख लें। इस तेल की भी नित्य मालिश करने से भी दर्द ख़त्म होता है।
सोंफ, देवदारु, कूठ, हींग और सेंधानमक इन सभी को समभाग मात्रा में लेके आपस मिला के फिर उसमें मदार(आक्टा) का दूध मिला लें और 5 min तक अच्छे से घोट लें। जोड़ों के दर्द पे लेप करें दिन में दो बार। इस से सभी प्रकार के जोड़ों के सार्ड ठीक होते हैं। आर्थराइटिस का इलाज भी इसी से होता है।
साइटिका में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं
साइटिका दर्द में क्या खाएं | Food to Eat in Sciatica Pain
👉सूखे मेवों में किशमिश, अखरोट, अंजीर, मुनक्का।
👉कुल्थी, उडद, गेहूं, लाल चावल,
👉करेला, लौकी, टिण्डे, पालक, बथुआ तथा हरी मेथी, पपीता, परमल, सहिजन, बैंगन, अनार, मिश्री, घी, दूध, लहसुन, सेंधानमक इन सबका निरंतर सेवन करना लाभदायक है।
साइटिका दर्द में क्या ना खाएं | Food Not to Eat in Sciatica Pain
👉चिंता करना, रात में जागना,
👉मल मूत्र के वेग को रोकना,
👉उल्टी को रोकना, अधिक मैथून,
👉अधिक परिश्रम, उपवास, चना, मूंग, शहद, मसालेदार खाना, मैदे का बना हुआ खाना,
👉Cycle स्कूटर की सवारी, खाट पर सोना,
👉खाना बिना पचे दोबारा खा लेना,
👉दुषित जल पीना और दूषित जल से नहाना रोगी त्याग दें यह सब बिल्कुल ना करें।