Chicken Pox | माता निकलना | शीतला रोग
जिस प्रकार से सूक्ष्म जीवों के कारण टाइफाइड होता है ठीक उसी कारण शीतला नामक दिव्य गुण युक्त सूक्ष्म जीवाणु (varicella-zoster virus (VZV)) से यह रोग होता है। इसे माता निकलना भी कहा जाता है। अक्सर लोग इसको खसरा निकलना मान लेते हैं जबकि ऐसा नहीं है।
यह शीतला रोग सात प्रकार का होता है, जिस शीतला रोग में पहले बुखार आये और बाद में बड़े बड़े फफोले हों उसे बृहती याने के बड़ी माता निकलना कहते हैं। ऐसा chicken pox day 1 में देखा जा सकता है।
कोद्रव शीतला
कफ और वायु के कोप से उत्पन जो पीडिकाएँ होती है उसमे उनका पाक नहीं होता। यह कोदों के आकार का स्फोट होता है और इनमे सुई चुभने जैसी पीड़ा होती है। जैसे कोई कीड़ा अंगों को बींध रहा हो इस प्रकार लगता है। यह रोग सात अथवा दस दिन में बिना औसधि के अपने आप ठीक हो जाता है।
Chicken Pox Causes | चेचक होने के कारण
ख़राब खान पान की वजह से
दूषित जल सेवन से
समय विरुद्ध(बिना समय कुछ कुछ खाने से)
प्रकर्ति विरुद्ध( जो चीज खाने योग्य नहीं है उनके सेवन से)
और औसध विरुद्ध( दूध मॉस आदि) आदि चीजों के सेवन से शरीर में वात पित्त कफ असंतुलित होकर जीवाणु (varicella-zoster virus (VZV)) आक्रांत हो जाती है जिसके कारण यह रोग हो जाता है।
Chicken Pox Symptoms | चेचक होने के लक्षण
सुई चुभने जैसी पीड़ा का होना
शरीर पे दाने निकल आना
बुखार आना
शरीर पर फफोले होना
चक्कर आना
थकान महसूस होना
भूख की कमी होना
Stages of Chicken Pox in Hindi
पहली स्टेज में फफोले निकलते हैं जो के पहले सप्ताह में निकलते हैं।
फिर दूसरी स्टेज में याने दुसरे हफ्ते में वह फफोले भर जाते हैं।
तीसरी स्टेज याने तीसरे हफ्ते में यह वह फफोले सुख जाते हैं और फफोलों की त्वचाएँ भी गिर जाती है।
All Chicken Pox Treatment in hindi | चेचक का आयुर्वेदिक इलाज
👉बड़ी माता में यदि फुंसियों में पाक जोकर स्त्रावित होने लगे तो उस पर जंगली उपलों की राख का छिड़काव करना चाहिए।
👉इसके व्रणों पर यदि मखियाँ बैठती हों तो उसे नीम की पत्तियों से उड़ाते रहना चाहिए।
👉अगर इस रोग में बुखार भी आजाये तो भी गर्म पानी नहीं देना चाहिए ठंडा पानी ही देना चाहिए।
👉चेचक के रोगी को पवित्र, रमणीय, एकांत और ठंडी जगह पर सोना चाहिए। अपवित्र मनुष्य रोगी को स्पर्श भी ना करे और ना ही उसके पास जाए।
Alternate of Chicken Pox Medicine hindi
👉जो मनुष्य शीतल जल के साथ इमली के बीज और हल्दी को पीसकर पीते हैं उनके शरीर में कभी भी पीड़ा करने वाली चेचक नहीं होती।
👉जो मनुष्य केले के साथ सफ़ेद चन्दन के चूर्ण को छिड़क कर खाते हैं उनको भी यह रोग नहीं होता।
👉अरूसा के रस में मुलेठी के चूर्ण को या फिर मुलेठी के रस या काढ़े के साथ मुलेठी के चूर्ण को जो व्यक्ति ग्रहण करता है उसे भी यह रोग नहीं होता।
👉यह नुस्खे साल में एक महीना या बीच बीच में कभी कबार करने से चेचक नहीं होता।
👉अगर किसी को यह रोग हो जाता है तो उसको अपने पूरे घर में जगह जगह पर नीम के पत्ते बाँध देने चाहिए।
👉चंदन, अरूसा, नागरमोथा, गिलोय और दाख सभी को बराबर मात्रा में लेके काढ़ा बना के पीने से चेचक का बुखार ठीक होता है।
👉खैर, हरड़, बहेड़ा, आंवला, नीम की छाल, परमल के पत्ते, गिलोय और अरूसा इन सभी को बराबर मात्रा में लेके काढ़ा बना के सेवन करने से यह रोग ठीक होता है।
चिकन पॉक्स में क्या खाना चाहिए
पुराने साठी के चावल, चना, मूंग, मसूर, जौ, केला, सहजन, परमल, दाख, अनार, ब्राह्मी, मुल्थी, गाय का घी, शंखपुष्पी, शीतल जल आदि देना चाहिए।
चिकन पॉक्स में क्या ना करें और क्या ना खाएं
बहार घूमना, नंगे बदन रहना, पसीने निकलना, परिश्रम, तेल, देर से पचने वाली चीजें, गुस्सा, धुप, तीखे पदार्थ, बहार के मिर्च मसालेदार भोजन, खट्टे पदार्थ, मल मूत्र आदि वेगों को धारण करना आदि चेचक के रोगी त्याग देवें।
chicken pox how many days to recover | how long does chicken pox last |चेचक का असर कितने दिन तक रहता है
चिकन पॉक्स एक से दो सप्ताह में ठीक हो जाता है। यह ज्यादा कष्ट साध्य ना बने इसीलिए कई वैध इसकी चिकित्सा भी करते हैं कई नहीं भी करते।
चिकन पॉक्स में दूध पीना चाहिए या नहीं | चिकन पॉक्स में दूध पीना चाहिए या नहीं
इस रोग में दूध का सेवन कर सकते हैं और गाय का दूध का विशेष रूप से सेवन करना चाहिए क्युकी इसमें मेधावर्धक चीजें खाने का विधान है, और गाय का घी मेधावर्धक है।
chechak ke vishanu ka naam?
वैरिसेला-जोस्टर विषाणु (VZV)