Benefits of Mulethi Powder in Hindi | Mulethi ke Fayde in Hindi

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मुलेठी 

यह हरितक्यादि वर्ग में आता है।  इसका फूल लाल रंग को होता है। इसमें छोटी और बारीक फली लगती हैं। इसकी विषेशतः भारत में जम्मू कश्मीर और पंजाब में खेती होती है। चरक ऋषि ने इसे रसायन बताया है, इसका प्रयोग निरंतर दूध के साथ करते रहने से सौ साल तक निरोगी रहकर जिया जा सकता है। 


मुलेठी के अन्य नाम 

संस्कृत- यष्टिमधु, मधुयष्टि 

हिंदी- मुलैठी, जेठी मधु, जेठी मद

मराठी- ज्येष्ठी मद 

बंगाली- बोम्बे  ज्येप्टी मधु

तेलगु- यष्टि मधुकम 

तमिल- अति मधुरम 

लेटिन- Glycyrrhiza glabra


आयुर्वेदिक गुण धर्म 

यह शीतल, भारी, मधुर, नेत्रों के लिए हितकर, बल को बढ़ाने वाली, शरीर को सुन्दर करने वाली, स्निघ्ध, वीर्यजनक, केशों को सुशोभित करने वाली, स्वर को सुधारने वाली। वात, पित्त, कफ नाशक याने त्रिदोषनाशक, रक्त विकार, घाव, सूजन, विष, उलटी, प्यास, ग्लानि, और TB इन सबके रोगो का नाश करने वाली बताया गया है।  


मुलेठी के फायदे | Benefits of Mulethi Powder in Hindi


Mulethi for TB Treatment



सोंठ और मुलेठी के चूर्ण दोनों को बराबर मात्रा में लेके रख लें।  इसकी आधी से एक चमच्च नित्य सुबह खाली पेट दूध या पानी के साथ लेने से TB रोग में यदि शरीर पतला हो गया हो तो उसमे अत्यंत लाभकारी है। 


Multhi for Heart Diseases Treatment



मुलेठी, कुटकी और देशी धागे वाली मिश्री इन सभी के चूर्ण को बराबर मात्रा में मिला के रख लें। इन सभी के मिक्सचर की एक चमच्च चूर्ण को पानी के साथ खाली पेट सुबह शाम सेवन करने से हृदय के सभी तरह के रोग दूर होते हैं। 


Mulethi for Uric Acid Treatment



मुलेठी और गंभारी के रस से बनाया गया तेल Uric Acid को नष्ट करता है। 


Mulethi for Migraine Pain



मुलेठी का एक चमच्च चूर्ण दो गिलास पानी में डाल कर इतना उबालें की आधा गिलास बच जाये यह इसका काढ़ा बन जाता है, फिर इसको छान कर इसमें शहद मिला कर नस्य लेने से माइग्रेन का दर्द सही होता है। 


Mulethi for Anemia Treatment



मुलैठी का काढ़ा बना कर या मुलैठी का चूर्ण शहद के साथ सेवन करते रहने से खून बढ़ता है एनीमिया रोग में लाभकारी है। 



BENFITS AND BEST USES OF MULETHI POWDER IN HINDI


Mulethi for Raktpitt

मुलैठी का काढ़ा बना उसमे शहद मिला के पीने के बाद उलटी करवाने से वह रक्तपित ठीक होता है जिसमे से गुदा से रक्त बहता हो। 


Mulethi for Wound Treatment

ताजे घाव पर मुलेठी का सिद्ध घृत लगाने से घाव जल्दी भर जाता है। 


Mulethi for Gas Trouble 

मुलेठी के चूर्ण में देशी धागे वाली मिश्री मिला कर सेवन करने से अफारा नष्ट होता है। 


Mulethi for Gas Problem

कई बार पेशाब को रोक कर रखने से अफारा बन जाता है ऐसे में दूध में मुनक्का और मुलेठी को खूब उबाल कर सेवन करने से इस अफारे में लाभ होता है। 


फुफ्फुस रोग | फेफड़ों में पानी भरना | Pleural Effusion | Mulethi For Lungs

पेठे के रस लगभग 50 से 100ml के साथ मुलेठी की आधी चमच्च चूर्ण सुबह शाम खाली पेट लेने से कुछ ही दिनों में फुफ्फुस याने Pleural Effusion याने जिसे आसान भाषा में कहते है फेफड़ों में पानी भरना रोग ठीक हो जाता है। 


मुलेठी का प्रयोग चश्मा हटाने के लिए | Mulethi for eye Treatment

मुलैठी का चूर्ण और आंवला का चूर्ण दोनों को सम भाग लेके आपस में मिक्स करलें। इस मिक्सचर की एक चमच्च चूर्ण को रात को एक गिलास पानी में डाल दें।  सुबह उठ कर छान कर खाली पेट इस पानी को पियें और थोड़ा सा पानी बचा के अपनी आखें भी धोएं। 


उपपक्ष्म | Trichiasis | Distichiasis

इस रोग में पलकों का निचे की और झुक जाना या नयी पलकों की लेयर बन जाना आदि रोग होते हैं। ऐसे में मुलेठी का घी बना कर के हलके गर्म रहते लगाने से कुछ ही दिनों में यह समस्या ख़त्म हो जाती है। 


Mulethi for Erectile Dysfunction and Premature Ejaculation

मुल्थी के चूर्ण में आधी चमच्च घी और दो चमच्च शहद मिला कर पेस्ट बना लें इसे दूध के साथ सेवन करने से एक महीने में नपुंसकता और शीघ्रपतन दूर हो जाता है। 


Mulethi for Increase Milk in Women Breast

मुलेठी और मिश्री दोनों बराबर मात्रा में दूध के साथ सेवन करने से स्त्रियों का दूध बढ़ता है। 


Mulethi for Childrens | Mulethi for Immunity | Mulethi for Increases Brain Power

मुलेठी के चूर्ण को लगभग एक चौथाई चमच्च, बच्चों को रात में दूध के साथ देने से इम्युनिटी बढ़ती है और मेधा शक्ति भी बढ़ती है। जिन  की दिक्कत हैं उनको विशेषकर सेवन करना चाहिए। 


Mulethi for Hair Fall Treatment

मुलेठी और काले तिलो को अच्छे से चूर्ण बना कर दूध के साथ पेस्ट बना की सर पर लेप करने से उड़ते हुए बाल रुक जाते हैं और बालों का पकना भी बंद हो जाता है। 


Mulethi for New born baby Teeths

मुलेठी के चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर छोटे बच्चों के मसूड़ों पर लगाने से उनके दांत सुगमता से निकलते हैं। 


Mulethi for Chicken Pox

जो मनुष्य साल में लगभग दो महीने भी मुलेठी के काढ़े में मुलेठी का ही चूर्ण बना कर यदि सेवन करता है तो उसको जीवन में कभी चिकन पॉक्स (माता निकलना) नहीं होता। 


Mulethi for Voice and Sore Throat

गला बैठ जाए तो एक ग्राम के चूर्ण को मुख में धारण करके चूसने से लाभ होता है। और इसी से आवाज भी अच्छी होती है। 


Mulethi for Cough Treatment

खांसी में मुलेठी के चूर्ण को चूसने या शहद के साथ सेवन करने से लाभ होता है। सुखी खांसी में इसको चूसें और बलगम वाली में शहद के साथ सेवन करें। 


Mulethi for Regain Hairs

100ml तिल का तेल लेकर उसमे 400ml गाय का दूध मिला दें।  और डेड चमच्च मुलेठी का चूर्ण और डेड चमच्च आंवलो का चूर्ण मिला के मंद मंद आंच पर पकाएं।  जब तेल शेष बच जाए तो उतार छान कर स्टोर करके रख लें इसकी दो दो बूँद नित्य नाकों में  दिन में दो बार डालने से सर और दाढ़ी के गिरे हुए बाल पुनः वापिस आजाते हैं। 

आमला और मुलेठी को पंसारी के यहाँ से लेके आये और घर लकार खुद कूटें बाजारू चूर्ण में प्रेसेर्वटिवेस होते हैं। 


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