चाय आजकाल हर घर में बनती है और लगभग लगभग हर कोई सेवन करता है। चाय की खेती पहले भारत में नहीं होती थी, इसकी शुरुवात अंग्रेजों ने ही करवाई थी। भारत की चाय अन्य देशो की तुलना में कहीं अच्छी होती है। इस पृथ्वी पे जितनी भी वनस्पति है उन सभी के कुछ न कुछ फायदे और नुक्सान होते ही हैं।
चाय के अन्य नाम | Different Name of Tea
हिंदी- चाय, चाह
मराठी- चहा
गुजराती- चा
English- Tea
लैटिन- Camellia theifera ( Assam Tea )
चाय के आयुर्वेदिक गुणधर्म | Benefits of Tea With Milk
दुग्ध से मिश्रित चाय, स्वादु होती है, पसीने लाने वाली, कफदोष नाशक, उत्तेजना लाने वाली, कामोत्तेजक, शीतनिवारक (ठण्ड को दूर करने वाली), श्रमहर(थकावट को दूर करने वाली), मूत्रल(मूत्र को बढ़ाने वाली), जड़ता नाशक, बुखार नाशक, जुखाम, सर दर्द को दूर करने वाली, पक्षवध (एक तरफ से परैलिसिस होना), खांसी में, श्वास सम्बंधित रोग में लाभकारी, रक्त को बढ़ाने वाली, वात और को बढ़ाने वाली।
मूत्रल होने से यह पीलिया, किडनी की बीमारी होने पर जब मूत्र आना बंद हो जाता है उसमे फायदेमंद, जलोदर रोग में फायदा करती है।
नोट- लेकिन ध्यान रहे की यह सब इसके गुण तभी आपको मिलेंगे जब चाय पट्टी अच्छी क्वालिटी की होगी और उनमे कैफीन और टैनिन नाम घटकों की मात्रा कम हो अन्यथा यह गुण नहीं मिल पाएंगे।
चाय के काढ़े के गुण | Benefits of Tea Without Milk
चाय का काढ़ा- रस में तिक्त (कड़वा), कषाय, पचने के बाद तीखा, तासीर में गर्म, कफ के सभी प्रकार के रोगों में लाभकारी, वातकारक याने वात दोष के रोगो को बढ़ाने वाली, पाचक, सारक, उत्तेजना लाने वाली।
चाय के फायदे | चाय कब पीनी चाहिए | Benefits of Tea in Hindi
👉बुखार में दिन में दो बार चाय का सेवन कर सकते हैं, लेकिन जिस बुखार में ठण्ड लग रही हो केवल उसी में इसका सेवन करें। क्युकी कई बार शरीर पूरा तपा हुआ होता है ऐसी अवस्था में चाय का सेवन हानिकारक हो सकता है क्यों चाय की तासीर गर्म है।
👉खांसी और जुखाम में चाय का सेवन अच्छा है। हो सके तो इसमें अदरक और इलाइची भी मिला सकते हैं यह खांसी जुखाम में और आराम देगा।
👉जो लोग थके हुए हों, जैसे मजदूर आदि। ऐसे लोग बीच बीच में चाय पी सकते हैं। जिन्हे ठक्कन हो राखी हो वो चाय पी सकते हैं। क्युकी चाय उत्तेजक होती है जिस से शरीर में दोबारा काम करने की शक्ति आती है। यह सब टैनिन के होने से होता है।
👉सर्दियों के दिनों में चाय का सेवन हानिकारक नहीं होता। ठंडी के दिनों में चाय के सेवन से शरीर में ऊष्मा आती है।
👉बरसात के दिनों में चाय पी सकते हैं क्यों जब शरीर भीगा हुआ होता है तो ठण्ड लगती है ऐसे में चाय का सेवन करेंगे तो काफी लाभ होगा।
👉जो लोग रात को काम करते हैं या अधिक देर तक जागना पड़ता है, वो रात में चाय का सेवन कर सकते हैं लेकिन हो सके तो उस समय चाय में घी मिला लें।
👉जिन लोगो का मूत्र रुक रुक कर आता हो वो लोग चाय का सेवन दिन में दो बार कर सकते हैं।
👉जिन लोगो को श्वास सम्बंधित रोग है जैसे अस्थमा अदि वो लोग भी चाय का सेवन कर सकते हैं चाहें तो सोंठ या दालचीनी मिला सकते हैं।
👉चाय को मसाला चाय बनाना हो तो उसमे सोंठ या दाल चीनी या काली मिर्च का उपयोग लाभकारी रहता है।
कोई दोष बढ़ा हुआ हो तो चाय कैसे पीनी चाहिए
पित्त दोष में चाय
जिन की पित्त प्रकृति है या जिनके पित्त दोष बढ़ा हुआ है वो लोग हो सके तो चाय का सेवन ना करें, और करनी भी हो तो अधिक प्रमाण में ना करें, उसके अंदर अधिक दूध और चीनी नहीं मिलि होनी चाहिए और ज्यादा गर्म गर्म भी नहीं पीनी चाहिए। इन लोगो को खाली पेट चाय नहीं पीनी चाहिए और चाय के साथ घी युक्त चीज जैसे मीठे आदि का सेवन करने से चाय पित्त को नहीं बढ़ाती।
ऐसे लोगो को खाली पेट चाय एसिडिटी कर देती है।
वात दोष में चाय
जिनकी प्रकृति वात होती है उनको भी चाय का सेवन नहीं करना चाहिए, क्युकी जैसा की आप सब जान चुके होंगे की चाय पित्त और वातवर्धक है। ऐसे लोगो को या जिनका वात दोष बढ़ा हुआ है उन लोगों को दूध थोड़ा ज्यादा मिलवा लेना चाहिए। इसके अलावा इनको चाय में घी भी मिलवा लेना चाहिए अन्यथा यह आपके लिए बहुत नुक्सान दायक हो सकती है।
कफ दोष में चाय
कफ प्रकृति वालों को चीनी ज्यादा नहीं मिलवानी चाहिए, इसके अल्वा चाय बनाते समय, इसमें अदरक या सोंठ या काली मिर्च या अजवाइन आदि मिला के ही सेवन करना चाहिए।
चाय का सेवन कब और किनको नहीं करना चाहिए
👹ग्रीषम और शरद ऋतू में चाय का सेवन नहीं करना चाहिए।
👹मधुमेह के रोगी को भी चाय का सेवन नहीं करना चाहिए।
👹जिनको जोड़ों के दर्द रहते हों उनको चाय का सेवन नहीं करना चाहिए।
👹जिनका यूरिक एसिड शरीर में बढ़ा हुआ है उनके लिए चाय किसी ज़हर से कम नहीं है।
👹फैटी लिवर को वालों का भी पेय का सेवन नहीं करना चाहिए।
👹बालकों को चाय नहीं देनी चाहिए, बालकों को चाय का सेवन करवा शराब सेवन करवाने से भी अधिक हानिकारक है।
👹जिनके शरीर में जलन रहती हो, जिनकी तासीर गर्म हो उनको इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
👹जिनको मंदाग्नि है, कब्ज है, IBS है, बवासीर है, खाना सही से ना पचता हो ऐसे में इसका सेवन हानिकारक है।
👹हृदय की बीमारियों में और High BP में भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए क्युकी इसके अंदर पाए जाना वाला टैनिन उत्तेजना पैदा कर देता है जो की इन दोनों ही रोगो में नुकसानदायक है।
👹रात में सोते समय चाय का सेवन करने से नींद नहीं आती, अक्सर जो लोग रातों को जागते हैं वो लोग जागने के लिए चाय का इस्तेमाल करते हैं।
👹खाली पेट चाय का सेवन नहीं करना चाहिए। इस से अम्लता बनती है।
चाय के नुकसान | Side Effects of Tea in Hindi
💀इसके अंदर पाए जाने वाले टैनिन और कैफीन हमारी शरीर में जाकर नाड़िया आदि सक्रिय हो जाती है और शरीर को स्फूर्ति महसूस होती है, लेकिन शरीर को फिर इसकी आदत लग जाती है और आगे चलकर इसके बहुत से दुष्परिणाम होते हैं जैसे जो लोग नित्य चाय पीते हैं उनको चाय ना मिलने पर सर दर्द होने लग जाता है या शरीर में उचाटी मचने लग जाती है।
💀जो लोग चाय का निरंतर सेवन करते हैं उनको आगे चलकर हृदय सम्बंधित और जोड़ों के दर्द सम्बंधित बीमारिया होती हैं।
💀नित्य चाय पीने वाले लोगो को सर के रोग जल्दी होते हैं जैसे बालों का झड़ना और बालों का सफ़ेद होना।
जिन लोगो को नर्वस सिस्टम के रोग हैं उन्हें भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए वर्ण आप का रोग और बढ़ 💀जायेगा।
💀जिनके बवासीर है, या कब्जियत रहती है वो लोग यदि इसका सेवन करते हैं तो यह रोग और ज्यादा बढ़ जायेगा।
💀जिन भी लोगो को अनिंद्रा की शिकायत है उनको भी चाय का सेवन नहीं करना चाहिए।
चाय पीने से कौन सी बीमारी होती है
जिनको तासीर गर्म है अगर वो लोग चाय का सेवन करते हैं तो मुख पर खुश्की का आना, शरीर में खुजली का होना, स्वाश सम्बंधित रोग होना, सुखी खांसी, पेट में जलन हो सकती है।
टाइफाइड में चाय पीना चाहिए या नहीं
टाइफाइड के रोग में चाय का सेवन कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे की ग्रीष्म ऋतू में और शरद ऋतू में अगर टाइफाइड हुआ है तो सेवन ना करें।
काली चाय से गर्भ कैसे गिराए?
चाय बहुत तरह की होती है ग्रीन टि, ब्लैक टि आदि। जो महिलाएं काली चाय के माध्यम से गर्भ गिराना चाह रही हैं वो दो गिलास पानी में एक चौथाई चमच अजवाइन, और एक चौथाई चमच्च काले तिल लेकर पानी में खूब उबाल लें उसके बाद आधा गिलास बच जाए तो उतार छान कर दिन में दो बार खाली पेट सेवन करने से, इसके पीने के बाद ऊपर से गुड़ खाएं।
लेकिन यह नुस्खा सिर्फ पहले महीने की डेट स्किप होने पर ही करें, उस से ज्यादा वक़्त यदि हो गया है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
हाई ब्लड प्रेशर में चाय पीना चाहिए या नहीं
जिंदगी में कभी भी HIGH BP में चाय नहीं पीनी चाहिए, चाय पित्त दोष को बढ़ा देती है उसके अलावा इसके अंदर पाया जाने वाला टैनिन हमारी नाड़ियों में स्फूर्ति ला देता है और वो भी ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं जिसके कारण HIGH BP में समस्या होती है।
थायराइड में चाय पीना चाहिए कि नहीं
थाइरोइड हार्मोन्स की गड़बड़ी का रोग है, तो इस रोग में तो चाय बिलकुल नहीं पीनी चाहिए। क्यों की इसके अंदर पाए जाने वाला टैनिन एंड कैफीन हार्मोन्स को नुकसान पहुंचाता है।
नींबू की चाय के फायदे
यह चाय सर्दी लगने पर, खांसी जुखाम म,में काफी लाभकारी है, इसमें आपको बस दूध की जगह निम्बू डालना है और जैसे चाय बनती है वैसे ही बनानी है। बस तैयार है निम्बू वाली चाय। इसका सेवन केवल सर्दियों के दिनों में ही करें क्यों की इसकी तासीर गर्म होती है।