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केला | Banana Benefits in Hindi
केला दुनिया में ज्ञात सबसे पुराना फल है। आदिम युग में भी मनुष्य इससे परिचित था और इसे खाता था। यह सबसे पहले भारत में उत्पन्न हुआ और बाद की शताब्दियों में यह पूर्व से पश्चिम तक फैल गया। मुस्लिम इसको स्वर्ग का पेड़ कहते हैं और हिन्दू इसको विष्णु तथा देवी का प्रतीक मानते हैं।
भारतीय इस फल का कई तरह से प्रयोग करते हैं। इसकी भुजिया बना कर खाते हैं, इसकी सब्जी बनाकर खाते हैं और उबाल कर इसका शरबत बनाते हैं। केला
वास्तव में एक पेड़ न होकर एक पौधा है। यह बिना लकड़ी के तने का सम्भवतः सबसे बड़ा पौधा है। पौधों के ऊपर हरे चमकदार नीचे लटके हुए पत्तों का एक बड़ा गुच्छा होता है।
बीच के डंठल से उचित समय में एक बड़ा फूल निकलता है जिससे फल बनते हैं। फलों का गुच्छा जैसे-जैसे भारी होता जाता है डंठल नीचे की ओर झुकने लगता है ताकि केले की नींव ऊपर रहे।
केले के आयुर्वेदिक गुण धर्म
यह कफनाशक, अत्यंत पित्तनाशक है। यह तासीर में ठंडा है, वीर्यवर्धक, पुष्टिकारक, मांस को बढ़ाने वाला, शीघ्र के शुक्राणुओं को बढ़ाने वाला, कृमिनाशक है। लेकिन मंदाग्नि वालों के लिए हितकर नहीं है।
योनि दोष, पथरी, रक्तपित्त, आखों के रोगों में, शरीर में जलन रोग में, प्रमेह में, मधुमेह में, भूख की कमी में, बार बार प्यास लगने वाले रोग में आदि रोगों में लाभप्रद है।
केले के अंदर Vitamins and Nutrients
केले के अंदर कार्बोहाइड्रेट, Vitamin A, C and B-6, Iron, फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, सोडियम, पोटेशियम शरीर को भरपूर पोषण देते हैं। इसके अलावा प्राकृतिक शर्करा जैसे सुक्रोज, फ्रक्टोज और ग्लूकोज पाए जाते हैं।
Nutrients in Banana
केला के फायदे | Benefits of Banana in Hindi
चोट में केले के फायदे
चोट अथवा रगड़ लगने पर इसके छिलके बाँध देने से सूजन नहीं बढ़ती।
रक्त प्रदर और श्वेत प्रदर में केले के फायदे
रक्त प्रदर और श्वेतप्रदर में रोजाना दो-दो केले खाना अत्यन्त लाभदायक है। श्वेतप्रदर में भोजन के बाद एक-दो केले, एक चम्मच मधु (शहद) घुला कर दूध के साथ देने से लाभ होता है।
नकसीर में केले के फायदे
नकसीर होने पर पका केला मधु मिले दूध के साथ प्रतिदिन सेवन करना अत्यंत लाभप्रद है।
मुंह के छालों में केले के फायदे
मुँह में छाले गाय के दूध की दही में एक केला मथ कर खाने से लाभ होता है।
खून की कमी में केला
केले के अंदर आयरन होता है अतः रोजाना चार से पांच केले खाने से आयरन की कमी पूरी होती है और रक्त भी बढ़ता है।
Uric Acid में केले के फायदे
जो यूरिक एसिड रक्त के द्वारा संधियों में से जमा होता केला खाने से उस यूरिक घोल कर बहार कर देता है क्यों की केले में क्षारीय गुण मौजूद होने के कारण यह इसमें कारगर है।
Acidity में केला
एसिडिटी की वजह से यदि पेट में या गले में जलन होती हो तो नित्य केले में इलाइची और शक्कर मिला कर खाने से लाभ होता है।
सिक्का निगल लेने में केला
यदि कोई बच्चा कोई छोटी मोती लोहे की चीज, या सिक्का निगल लेता है ऐसे में केले का सेवन जरूर करवाना चाहिए। इस से आँतों में केले से चिपक कर वह चीज लैट्रिन में बहार आजाती है।
शारीरिक पुष्टि के लिए केला
वेट बढ़ाना हो तो केले खाकर ऊपर से हल्का गर्म दूध का सेवन करते रहने से शरीर पुष्ट होकर सुडौल बनता है।
पीलिया में केला
एक केले को मथ कर उसमे दो तीन चमच्च शहद मिला कर सेवन करना लाभप्रद है।
मासिक धर्म सम्बन्धी दोष में केला
मासिक धर्म के समय दर्द होने से मासिक के समय अधिक मात्रा में खून जाना, इत्यादि दोषों में केले के फूल अत्यन्त प्रभावकारी होते हैं।
केले के फूलों के सेवन से शरीर में प्रजेस्ट्रोन हारमोन का स्तर बढ़ता है, जिससे मासिक धर्म सम्बन्धी शिकायतों के अलावा अन्य स्त्री रोगों की चिकित्सा में भी सहायता मिलती है। इन रोगों के उपचार के लिए केले के फूल पका कर दही के साथ खाने चाहिए।
Note
केला खाकर कभी भी पानी नहीं पीना चाहिए इस से hydrocele(अंडकोष में पानी भरना) रोग हो सकता है।
आयुर्वेद में केले को दूध में मथ कर याने Banana Shake को विरुद्ध भोजन बताया है अतः केले के साथ दूध ना लें उसके कुछ देर बाद ही सेवन करें क्यों की यह पचने में बहुत भारी भी हो जाता है, जब तक किसी विशेष रोग या नुस्खे में केला दूध बताया गया उन्ही को सेवन करना चाहिए।
केले की वजह से कभी अजीर्ण हो जाए या केला पच नहीं रहा हो तो हमेशा केला खाने के बाद एक छोटी इलाइची का सेवन करने से केला शीघ्र ही पच जाता है।