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आँख के रोग
आयुर्वेद के मतानुसार आँख के रोगों को उर्ध्वजत्रुगत रोगों की श्रेणी में माना गया है अर्थात् जबड़े के ऊपर वाले अंगों में रोग उत्पन्न होते हैं। सर्वप्रथम हम आँखों में होने वाली व्याधियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं।
आँखों की बीमारियाँ
आँखें संसार का दर्शन कराती हैं, बिना आँखों के सारी दुनिया का मिला सुख निरर्थक होता है। आँखों में थोड़ा-सा भी विकार होना बड़ी समस्या बन जाता है। आँखों में मुख्यतया- रतौंधी, मोतियाबिंद, आँखें दुःखना, गुहेरी, आँखों की लालिमा, काला पानी आना, दृष्टिदोष होना आदि रोग होते हैं। सामान्य औषध उपचार से हम इन रोगों का निराकरण कर सकते हैं:-
Conjunctivitis आँखें लाल हो जाने का आयुर्वेदिक इलाज
★ 1 चम्मच त्रिफला पाउडर रात को 1⁄2 गिलास पानी में भिगोकर रख दें, सुबह पानी को कपडे से छानकर आँखों को धो लें, आँखों का लाल होना मिट जाता है।
★ गुलाब के अर्क या गुलाब उबालकर पानी तैयार कर लें, उसमें थोड़ी-सी फिटकरी मिला लें, ड्रॉपर द्वारा 4-4 बूंद प्रतिदिन डालते रहें।
★ नीम की निम्बोली जलाकर आँखों का काजल तैयार करें। इसे प्रतिदिन लगाने से लाभ मिलेगा।
★ नागरबेल के पान का रस आँखों की लालिमा को शीघ्र ठीक कर देता है। सुबह- शाम लगायें।
★ छोटी मधुमक्खी का शुद्ध शहद आँखों की लालिमा को मिटाता है। सुबह-शाम लगायें।
★ आँवले का रस गरम करके आँखों में 2-2 बूंद डालते रहने से आँखों की लालिमा सुधार होता है।
★ आँखों पर गाय के घी का अञ्जन लगाते रहने से आँखें लाल होना बंद हो जाती हैं।
आँखों में दुःखन होने का आयुर्वेदिक इलाज
★ हल्दी को पानी में घिसकर आँखों में लगाने से दुःखन मिट जाती है।
★ 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण को सुबह खाली पेट शहद के साथ चाटने से आँखों का दुःख खत्म हो जाता है।
★ हरा धनिया कूटकर रस बना लें - 2-2 बूँद आँखों में डालते रहें, आँखों की दुखन मिट जाती है।
★ पलकों पर दही की मलाई का लेप करने से आँखों की सूजन, जलन और दर्द दूर हो जाता है।
★ तुलसी का अर्क आंखों में डालना नेत्रदोषनाशक कहा गया है। आँखों में प्रतिदिन 3-3 बूँद टपकायें।
★ काली मिर्च पाउडर 1⁄2 चम्मच शहद 2 चम्मच मिलाकर खाने से आँखों की देख मिट जाती है तथा नेत्रदृष्टि ठीक होती है ।
★ आँखों की पलकों पर अफीम का लेप लगाने से आँखों की सूजन चली जाती है।
★ नीम के पत्तों को गरम पानी में उबालकर आँखों पर रखें। इससे आँखों की और दर्द का नाश हो जाता है।
★ आँखों पर सादा पानी के छपके मारने से भी आँखों का दर्द जाता रहता है। आ को दिन में 5-6 बार साफ करना चाहिए ।
गुहेरी (आँख के पास फुन्सी) का आयुर्वेदिक इलाज
★ इमली का बीज पानी में घिसकर आँख की फुन्सी पर लगायें। फुन्सी मिट जायेगी
★ तुलसी का डंठल पानी में घिसकर चन्दन की तरह गुहेरी पर लगायें ।
★ 1 चम्मच शहद और 1⁄2 चम्मच घी को मिलाकर आँखों की फुन्सी पर लेप करें।
★ गौमूत्र को गरम कर आँख की फुन्सी पर लेप करें।
★ महुआ के फूलों का रस आँखों की फुन्सी के लिए प्रयोग करें अवश्य लाभ होगा।
★ अँगुली को हथेली पर घिसकर गर्म-गर्म लगाने से गुहेरी ठीक हो जाती है।
मोतियाबिन्द का आयुर्वेदिक इलाज
★ माता का दूध 2 माह तक नित्य आँखों में डालना चाहिए, मोतियाबिन्द गल जायेगा।
★ गाय की बछिया का ताजा पेशाब आँखों में रोजाना डालना मोतियाबिन्द का नाशक है।
★ हल्दी को आग में भूनकर धो डालें, फिर इसे पीसकर आँखों की पलकों पर लगाएं।
★ रीठा को पानी में घिसकर आँखों में अंजन करने से मोतियाबिन्द कटता है।
★ सत्यानाशी (कटेरी) का पीला दूध सलाई से आँखों में नित्य लगाने से यह ठी आँ हो जाता है।
★ एक चौथाई ग्राम फिटकरी का फूला और 1 चम्मच घी - इनको काँसे के बर्तन में खूब तक घिसकर रख लें। रात को आँखों के अन्दर लगायें-7 दिनों में मोतियाबिन्द कटना शुरू हो जाता है।
★ नौसादर 10 ग्राम, कलमी शोरा 20 ग्राम, फिटकरी का फूला 10 ग्राम, नीला 5 ग्राम, कपूर 5 ग्राम, जस्ते का फूला 20 ग्राम लेकर, इन सबको पीसकर और में अञ्जन करें तो फूला और मोतियाबिन्द मिट जाता है। अनुभत नुस्खा है।
रतौंधी का आयुर्वेदिक इलाज
★ चौलाई की तरकारी खाने से रतौंधी रोग मिट जाता है।
★ चिरपोटी (मकोय) का साग खाना चाहिए।
★ बगरा या हलहल को उबालकर नमक मिर्च मिला कर पेट भर खाना चाहिए, यह रतौंधीनाशक है।
★ रिजका की सब्जी बनाकर खाने से आँखों के आगे आने वाली अँधेरी मिट जाती है।
★ मेहँदी के पत्तों का रस मिश्री के साथ पीने से रतौंधी रोग मिट जाता है।
★ साँटे की जड़ को घिसकर आँखों में लगाने से रतौंधी मिट जाती है।
★ सेंधा नमक को पानी में घिस कर रात को आँख में लगाने से रतौंधी मिट जाती है।
★ साबुत मूंग को पका कर उसमें शक्कर मिलाकर खाना चाहिए।
★ रात के समय सौंफ तथा बूरा 25 ग्राम की मात्रा में खाने से रतौंधी आना बन्द हो जाती है।
★ सिरस के पत्तों का रस तीन-चार बूँद की मात्रा में नित्य आँखों में डालें ।
★ शुद्ध देशी घी की सलाई कुछ दिनों तक आँखों में लगाने से रतौंधी आना खत्म हो जाती है।
अन्य नेत्र दोषों का आयुर्वेदिक इलाज
★ दुद्धी का दूध आँखों में लगाने से नेत्रों की ज्योति बढ़ती है।
★ 2 सप्ताह तक गाजर का रस पीने से दृष्टिदोष खत्म हो जाते हैं।
★ आँखों को रोज त्रिफला के काढ़े से साफ करने या धोने से नेत्र दोषों की समाप्ति हो जाती है।
★ गोरखमुण्डी का अर्क आँखों में डालते रहने से आँखों की रोशनी वापस आ जाती है।
★ ब्राह्मी बूटी का रस आँखों में डालते रहने से नेत्र की नाड़ियों में चैतन्यता आ जाती है।
★ सफेद फिटकरी को फुलाकर उसमें पुनर्नवा की जड़ को घिसकर आँखों में डालने से कालापानी, जाला सहित समस्त नेत्र दोष मिट जाते हैं।
★ 5 ग्राम गुलाब जल और 2 ग्राम बोरिक एसिड को मिला रुई की फुरेरी से आँखों में अञ्जन करने से सामान्य नेत्रपीड़ा का नाश हो जाता है।
आँखों के रोग में क्या खायें / क्या नहीं खायें
★ सभी आँखों के रोगों में हल्के, पौष्टिक तथा सुपाच्य पदार्थों का सेवन रोगी को हितकारी होता है।
★ क्रोध, शोक, मैथुन, पत्तों का साग, तरबूज, मछली, शराब, चटपटे, खट्टे तथा जलन पैदा करने वाले पदार्थों का सेवन निषिद्ध है। धूप या अधिक शीतल स्थानों पर घूमना नहीं चाहिए। रात को देर तक जागना ठीक नहीं होता है। त्राटक यौगिक क्रिया करें।
नोट- वैसे तो यह सभी आयुर्वेदिक उपाय जो दिए गए हैं कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है और अलग अलग पुस्तकों से लिए गए हैं लेकिन फिर भी सलाह दी जाती है आखें बहुत अनमोल होती हैं जो भी आखों में डालने वाली औसधियाँ है उनको इस्तेमाल करने से पहले किसी वैद्य की देख रेख में करें।